दंतेवाड़ा:पिता के सपने को बेटे ने किया पूरा, आजादी के 70 साल बाद इस गांव में लहराया तिरंगा, पढ़े पूरी खबर

दंतेवाड़ा। नक्सलियों की राजधानी कहे जाने वाला दंतेवाड़ा जिले के अबूझमाड़ क्षेत्र के एक गांव में आजादी के 70 साल बाद गणतंत्र दिवस पर तिरंगा लहराया। अबूझमाड़ क्षेत्र के पाहुरनार गांव में 70 साल बाद भारत मां के जयकारे गूंजे।खास बात यह है कि गांव के सरपंच ने विकास और तिरंगे के लिए अपनी शहादत थी। आज उनके ही DRG जवान बेटे ने ध्वजारोहण किया। गांव के सरपंच कोसेराम की इच्छा थी कि गांव में नक्सल का खात्मा हो और यहां हर राष्ट्रीय पर्व पर तिरंगा लहराया जाए। उनके बेटे ने तिरंगा फहराकर पिता के सपनों को सच किया।
दरअसल, गणतंत्र दिवस के दिन सुबह 6 बजे ही SP अभिषेक पल्लवअपने जवानों के साथ इंद्रावती नदी पार बसे गांव पाहुरनार पहुंच गए। इस दौरान गांव में सन्नाटा था। ग्रामीण जो बाहर दिखाई दे रहे थे, वे भी घर के अंदर चले गए। जबकि जवानों ने वहां ध्वजारोहण की तैयारियां शुरू की। जवानों को देख 2-3 बच्चे उनके पास आए। इस पर जवानों ने उन्हें तिरंगा पकड़ा दिया। बच्चे तिरंगा हाथ में लिए फहराते हुए खुशी-खुशी दौड़ रहे थे। उनके हौसले को देख ग्रामीण भी एक-एक कर एकत्र होना शुरू हो गए।
पिता की इच्छा पूरी करने जवान बेटे ने तिरंगा फहराया
गांव के सरपंच कोसेराम की इच्छा थी कि गांव में तिरंगा फहराया जाए। उन्होंने इसकी कोशिश भी की, लेकिन नक्सलियों ने सफल नहीं होने दिया और उनकी हत्या कर दी। पिता की इस इच्छा को उनके बेटे और DRG जवान ने पूरा करने के लिए गांव में ध्वजारोहण किया। इस दौरान बच्चों और ग्रामीणों ने भारत मां की जयकारों के साथ तिरंगा रैली निकाली। करीब आधा किमी की दूरी तक निकाली गई इस रैली को शांति मार्च का नाम दिया गया।
दो साल पहले सरपंच की नक्सलियों ने कर दी थी हत्या
गांव के सरपंच कोसेराम हमेशा विकास की बात करते थे। उनकी इच्छा थी कि गांव में नक्सल का खात्मा हो और यहां हर राष्ट्रीय पर्व पर तिरंगा लहराया जाए। विकास के इस मुद्दे पर उन्होंने कई बार जिला प्रशासन से भी बात की थी, लेकिन नक्सलियों को यह पसंद नहीं आया और दो साल पहले जुलाई 2018 में उनकी हत्या कर दी। इसके बाद उनका बेटा पुलिस में भर्ती हुआ और तिरंगा फहराकर पिता के सपनों को सच किया।