एस.डी.ओ.शिवशंकर नाविक अपनी नौकरी बचाने काट रहे उच्च न्यायालय का चक्कर…?
नाविक की नैय्या डूबने से बचाने के जुगाड़ में लगे हुये है- जे.आर.नायक मुख्य वन संरक्षक

महासमुंद. छत्तीसगढ़ वन विभाग में चौकाने वाली बात, हजारों शिकायतो के बाद ,दो-दो विधायक को शिकायत के बाद भी एक ही वन मंडल में विगत 07 सालों से पदस्थ एस.डी.ओ. महासमुंद वन मंडल में वर्षो से भ्रष्टाचार के नाम से जग जाहिर हो चुका है, वही दुसरी ओर फर्जी तरीका से नौकरी करने वालों का गढ़ भी बन चुका है।
उदारहण महासमुंद तत्कालिन परिक्षेत्र अधिकारी रहे मोहन दास मानिकपुरी के जाति के संबंध में शिकायत होने पर निलंबन त्वरित कार्यवाही हुआ । जबकि महासमुंद वन मंडल में पदस्थ एस.डी.ओ. शिवशंकर नाविक का आज दिवस तक न निलंबन की कार्यवाही क्यों नही हो पाया है..?
मुख्य सचिव सामान्य प्रशासन विभाग से मिलकर चर्चा उपरांत पता चला कि, इनकी शिकायत लंबे समय से चल रहा है ,कार्यवाही जरूर होगी कहा गया । एस.डी.ओ. शिवशंकर नाविक का वनक्षेत्रपाल के पद पर भर्ती हुये तब वे अनुसुचित जाति के थे। उसी आधार पर नौकरी मिली, और पदोन्नत भी हुये है, किन्तु अब नाविक ने हाई कोर्ट व आयोग में हलफनामा प्रस्तुत किया है कि, वह अनुसुचित जनजाति का है पता नही आगे क्या होगा, जिस प्रकार से गलत गलत तरिका से आवेदन प्रस्तुत किये जा रहे है,
उस आधार पर एक लाईन से सिरे से इनको नौकरी से बर्खास्त कर देना चाहिये। ऐसा लेख करना अनुचित नही होगा। महासमुंद वन मंडल में मुख्य वन संरक्षक की आड़ में मनमानी चरम सीमा पर है। मुख्य वन संरक्षक के रहते मेरा कोई बाल बाका नही कर सकता है । येसा सुविज्ञ सुत्रों से पता चला है और सही भी है। दो दो संसदीय सचिवो के द्वारा शिकायत हुआ था हटाने के लिये किन्तु नही हटा पाये, पैसों के आगे सब फिके रह गये। मुख्य वन संरक्षक के चहेते माने जाते है नाविक जो कि, महासमुंद वन मंडल को भ्रष्टाचार का गढ़ बना लिये है, निचले स्तर के अधिकारी कर्मचारियों को डरा डरा कर रखे हुये है, जिसके कारण करोड़ो रूपयो का हाथी फसल मुआवजा में गबन किया गया है।
अब कार्यवाही ठंडा बस्ता में चला गया अगर शिवशंकर नाविक का जाति सहीं है तो खुलासा करने में क्या दिक्कत है, जब अ.जा.आयोग, अ.ज.जा. आयोग से लेकर हाई कोर्ट तक जवाब पेस कर सकता है तो सच्चाई बताने में क्या दिक्कत है, आयोग जाति प्रणाम पत्र नही मांग सकता है करके, उल्लेख करना कहा तक उचित है।
वैसे महासमुंद वन मंडलाधिकारी जी है जो लाख आरोप छपने व शिकायत होने के बाद कुंडली मारकर चुप बैठे रहते है और कोई कार्यवाही नही करते। येसा प्रतीत होता है कि, एस.डी.ओ और डी.एफ.ओ. भी नाविक फिर महासमुंद डी.एफ.ओ. को यहा पदस्थ रहने कि, क्या आवश्यकता है सारी चीज नाविक ही सम्हाल लेंगे।
सन्दर्भित पत्र क्रमांक /सू.अ./181/2020/29 महासमुंद ,दिनांक 28/01/2021 के माध्यम से सूचना का अधिकार अधिनियम की धारा 11(1) के अनुसार जानकारी शासकीय पत्रक में दिये जाने हेतु शिवशंकर नाविक उप वनमंडलाधिकारी महासमुंद से सहमति हेतु पत्र लिखा गया था। किंतु एस डी ओ नाविक द्वारा जाति प्रमाणपत्र संबंधी दस्तावेज शासकीय पत्रक में दिये जाने हेतु अपनी असहमति व्यक्त की है।

सामान्य वनमंडल महासमुंद के जनसूचना अधिकारी के इस विनिश्चय से यदि आप असन्तुष्ट है तो जे.आर.नायक मुख्य वन संरक्षक रायपुर वृत्त के समक्ष अपील कर सकते है ,कहकर लेख किया जाता है।अब यह देखना है कि, वर्तमान मुख्य वन संरक्षक नाविक को कब तक और कितना बचाता है.
कैसे दिग्गजों रसूखदारों के खाते में लाखों रुपयों का ट्रान्जेक्शन कर फर्जी हाथी फसल मुआवजा प्रकरण दस्तावेज तैयार किया गया है। सभी मुद्दों के साथ आ रहे है।