बाल दिवस के दिन राजीव गांधी स्टडी सर्कल ने राष्ट्रीय व्याख्यानमाला कर चाचा नेहरू को किया याद : अंकित

राजीव गांधी स्टडी सर्कल के छत्तीसगढ़ प्रदेश के छात्र सचिव, बागबाहरा ब्लॉक कांग्रेस कमीटी ग्रामीण के प्रथम अध्यक्ष व वरिष्ठ कांग्रेसी अंकित बागबाहरा ने बताया कि संयोग वश इस बार दीपावली के पावन पर्व के साथ नेहरू जयन्ती भी पड़ी।
पर्वोत्सव के बावजूद देश के कई राज्यों से राजीव गांधी स्टडी सर्कल के शिक्षक साथियों एवं विद्यार्थियों ने ई-समागम में जुड़कर जहां पं.नेहरू पर एक सफल राष्ट्रीय वेबिनार किया, वहीं प्रकाश पर्व की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाओं का भी परस्पर आदान प्रदान किया। सर्कल के विद्यार्थी सचिव मंडल द्वारा संयोजित इस कार्यक्रम में निर्धारित मुख्य व्याख्यान के अतिरिक्त सर्वश्री प्रो.एस. एम. महमूद (जामिया विवि समन्वयक (न.दि.), प्रो.रामायण प्रसाद यादव – बिहार समन्वयक (पटना), प्रो.राजेन्द्र जाधव – गुजरात अति.समन्वयक (अहमदाबाद), प्रो.एस. एल.जांगू – मिजोरम समन्वयक, डा.बनय सिंह – राज.राज्य एनएसएस समन्वयक ( भरतपुर), प्रिन्सिपल डा.एस.के.सैनी (चुरू), डा.बिठ्ठल बिस्सा (बीकानेर सम.), डा.प्रमोद पाण्डेय – राष्ट्रीय विद्यार्थी सचिव ( दिल्ली), अंकित बागबहरा – छग राज्य विद्यार्थी सचिव (रायपुर), देवेन्द्र मौर्य एवं संजीव (वर्धा), डा. आशीष त्रिपाठी एवं अभिनीत कुशवाहा ( इलाहाबाद), मो.वासित (झांसी), यासीन बट (शिमला), वासिफ उमर खान, मीर (कोलकाता), रवि रंजन (गया), दिव्य चरण उपाध्याय, राजेश राजपूत,अनुराग पांडे आदि ने विचार रखे,
सभी ने भारत रत्न स्व पंडित जवाहर लाल नेहरू जी के जीवन के उल्लेखनीय पहलुओं से अवगत कराते हुए कहा कि आधुनिक भारत के शिल्पी महानायक, भारत की खोज के रचनाकार अप्रतिम भारत-स्वप्न दृष्टा, उस सपने को तराश कर आधुनिक भारत की सुदृढ़ बुनियाद रखने वाले राष्ट्रनायक। अपने साथ की आजाद भारत के पहले की राष्ट्रीय नेतृत्वमंडली में किसी से भी प्राय: दोगुना समय यानी महज 13 दिन कम पूरे दस साल लौह सलाख जेलों में काट देने वाले जंगे आजादी योद्धा, उन जेलों में रहकर कालजयी महत्व के प्रशस्त ग्रंथों के सर्जक रचनाकार, आजादी के संघर्ष के अग्रणी नेतृत्व के साथ साथ उस संघर्ष से मिली आजादी के संहिता करण की प्रक्रिया का नेतृत्व करते हुये भारतीय सरजमीं पर संस्थापित दुनिया के सबसे बड़े संवैधानिक लोकतंत्र की संस्थापना, भारतीय औद्योगिक समूहों के बीच भी सर्वमान्य धुरी नेतृत्वकर्ता, आधुनिक भारत के मंदिर करार देते हुये
भाखड़ा, रिहंद, हीराकुंड, सरदार सरोवर, भिलाई, बोकारो, राउरकेला, सिन्दरी आदि सहित अनेक गौरवशाली सार्वजनिक क्षेत्र के बुनियादी उद्योगों के संस्थापक के साथ साथ निजी क्षेत्र में भी प्रशस्त औद्योगिक विकास के प्रेरणा सूत्रधार; आईआईटी-आईआईएम-एम्स व कृषि शिक्षा सहित देश के प्रशस्त विश्वविद्यालयों के रूप में विश्वस्तरीय शिक्षण संस्थानों, अनुसंधान संस्थानों, वैज्ञानिक संस्थाओं, भूगर्भ से स्पेस तक के क्षेत्र में काम शुरू करने वाले संस्थागत वैज्ञानिक अभियानों और नियोजित विकास-सामुदायिक विकास-पंचायतीराज- सहकारिता आदि के दूरदर्शी संस्थागत आन्दोलनों के प्रवर्तक युग-पुरुष; गोवा के भारत विलय सामरिक अभियान की विजय के संकल्पक राष्ट्र नेतृत्वकर्ता, अंतर्राष्ट्रीय गुटनिरपेक्ष आंदोलन के जनक, पंचशील के साथ शांति एवं विकास के अंतर्राष्ट्रीय राजनीति के प्रयासों में चीन के विश्वासघात के बाद भारत के त्वरित सामरिक शक्ति विकास के सूत्रधार पं.जवाहर लाल नेहरू जी की जयन्ती पर उन्हें श्रद्धावनत भाव से नमन और सभी को बाल दिवस की हार्दिक बधाई दी गयी।
कार्यक्रम के अंत में एक शोक प्रस्ताव के साथ दो मिनट का मौन रखते हुये राजस्थान शासन के मंत्री एवं सर्कल के राष्ट्रीय सह समन्वयक डा.सुभाष गर्ग की माताजी के निधन पर शोक प्रकट किया गया।