खेती किसानी में लगा अब मोदी टैक्स : अंकित

महासमुंद/बागबाहरा.ब्लॉक कांग्रेस कमीटी ग्रामीण के प्रथम अध्यक्ष व वरिष्ठ कांग्रेसी अंकित बागबाहरा ने बताया कि किसानों की आय दोगुनी करने का दावा करने वाली मोदी सरकार डीएपी,पोटास का मूल्य बढ़ाकर अब किसानों से उनका घर में खाने वाला अनाज भी बिकवा के मानेगी ।
अंकित ने बताया कि केंद्र की मोदी सरकार द्वारा अब डी ए पी कीमत 1200 से 1900 करने जा रही है । जिससे सीधे सीधे किसानों को प्रति एकड़ प्रति फसल 2100 रुपये का अतिरिक्त बोझ सिर्फ डी ए पी डालने में पड़ने वाला है इसके अलावा राखड़ में 50 रुपये बोरा और यूरिया में भी कम से कम 50 रुपये बोरा कीमतें बढ़ेंगी तो किसानों को प्रति वर्ष प्रति एकड़ कम से कम दो फसल की स्थिति में 5 से 6000 रुपये अतिरिक्त खर्च शुरू होने वाला है।
अंकित ने इसे पूरी तरीके से किसानों को लूटने वाला और बढ़ती मॅहगाई में इसे आग में घी डालने का काम करार दिया और दावा किया कि इसके बाद अनाज और सब्जियां स्थाई रूप से महंगी हो जाएगी । अंकित ने इसे किसानों को मारने वाले मोदी टैक्स की संज्ञा भी दी । पीछले तीन वर्षों के अंदर 10000 में रुपये में लगने वाला ड्रिप इरीगेशन सिस्टम अब 40000 में लग रहा है ।
तीन कृषि काले कानूनों के चलते वर्तमान स्थिति में खाद्य तेल,आलू,प्याज, दाल की कीमतें बढ़ चुकी है इसके अलावा रसोई गैस,डीजल,पेट्रोल की कीमतें रक्त बीज के समान बढ़ रही है ।
अंकित ने आरोप लगाया कि 6000 का सालाना झुनझुना पकड़वाया अब मात्र एक एकड़ वाले किसान से ही उतने पैसे याने 6000 रुपये डीएपी और अन्य का मूल्य बढ़ा कर अतिरिक्त मोदी टैक्स के रूप में लेने वाले है और ये 5 से 6000 रुपये का बोझ प्रति एकड़ है ,जो जितना बड़ा किसान उतना अतिरिक्त बोझ । ऐसा लग रहा है कि इन सब दबावो से वो किसानों को मजबूर करना चाह रहे है कि वो स्वयं खेती छोड़ कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग के माध्यम से सिर्फ अडानी अम्बानी के लिए खेती करें ।
अंकित ने बताया कि कई महीनों से केंद्र की भाजपा सरकार द्वारा लाये गए तीन कृषि कानूनों के खिलाफ भी धरना रत किसान जिसमें से 100 से अधिक किसानों की मौत हो चुकी है उस पर भी आज दिनांक तक केंद्र की मोदी सरकार के कानों में जूं तक नही रेंगी है । अंकित ने आरोप लगाया कि केंद्र की वर्तमान भाजपा सरकार पूर्ण रूप से व्यापारियों की सरकार है जिसे आम गरीब,मध्यमवर्गी,किसानों से कोई सरोकार नही है,और कम कमाई और बढ़ती मॅहगाई ऊपर से कोरोना की मार के चलते इस देश का 90 प्रतिशत जन मानस भारी समस्या का सामना कर रहा है । और अगर इस पर भी लगाम नही लगाया गया तो एक स्वस्फूर्त बड़ा जन आंदोलन किसानों से बड़ा आंदोलन पूरे भारत देश में किसानों का केंद्र की भाजपा सरकार के खिलाफ शुरू होगा, क्यों कि डीएपी और पोटास की बढ़ी कीमतों का सीधा असर रसोई घर के बजट में भी पड़ेगा।