न्याय की उम्मीद में पहुंचा बेटा — 30 साल बाद मांगी पिता की अनुकंपा नियुक्ति की जांच
संतलाल मुखर्जी को मिली नियुक्ति पर सवाल, कलेक्टर से की कानूनी कार्रवाई की मांग

महासमुंद/सरायपाली। जिले के सरायपाली ब्लॉक अंतर्गत ग्राम नूनपानी निवासी प्रेमसागर चौहान ने अपने पिता स्वर्गीय कन्हैया लाल चौहान की अनुकंपा नियुक्ति में गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए सोमवार, 7 अक्टूबर 2025 को कलेक्टर जनदर्शन में शिकायत दर्ज कराई।
प्रेमसागर ने बताया कि वर्ष 1991 में उनके पिता की आकस्मिक मृत्यु के बाद उनके परिवार को सरकारी सहायता के तहत मिलने वाली अनुकंपा नियुक्ति किसी अन्य व्यक्ति — संतलाल मुखर्जी (पिता जगसाय मुखर्जी, निवासी सिंघनपुर) को दे दी गई, जबकि वे कन्हैया लाल चौहान के पारिवारिक वंश वृक्ष से किसी भी प्रकार का संबंध नहीं रखते।
शिकायतकर्ता के अनुसार, उस समय वे मात्र दो वर्ष के थे, और उनकी माता उन्हें दादी करमायत बाई के पास छोड़कर चली गई थीं। दादी ने करीब 1995 के आसपास यह जानकारी मिलने पर प्रशासनिक स्तर पर कई बार आवेदन दिया, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई।
प्रेमसागर ने बताया —
“मेरे दादी ने अपनी पूरी उम्र न्याय के लिए संघर्ष किया, अब मैं खुद आखिरी उम्मीद लेकर कलेक्टर जनदर्शन में आया हूं। अगर जांच में अनियमितता पाई जाती है, तो संतलाल मुखर्जी को मिली फर्जी नियुक्ति निरस्त की जाए और मुझे न्याय मिले।”
उन्होंने अपने आवेदन में यह भी उल्लेख किया कि संतलाल मुखर्जी वर्तमान में महासमुंद जिले के शासकीय प्राथमिक शाला गोरटेक में प्रधान पाठक के पद पर कार्यरत हैं। प्रेमसागर ने कलेक्टर से मांग की है कि इस नियुक्ति की संपूर्ण जांच कर, यदि यह फर्जी या धोखाधड़ी से प्राप्त पाई जाती है, तो संबंधित के विरुद्ध एफआईआर दर्ज कर बर्खास्तगी और वेतन रिकवरी की कार्रवाई की जाए।
प्रेमसागर का कहना है कि उनके परिवार ने तीन दशक से अधिक समय तक गरीबी रेखा से नीचे रहते हुए न्याय की तलाश की, और अब उनकी दादी व वे स्वयं जिला प्रशासन से अंतिम उम्मीद लगाए बैठे हैं।