बसनासरायपाली

खाद की कालाबाजारी पर गरजे विधायक चातुरी नन्द, 7 अगस्त को करेंगे धरना प्रदर्शन

सरायपाली-बसना क्षेत्र में किसानों से लूट: MRP से अधिक दामों पर बेचा जा रहा खाद

देशराज दास सरायपाली/बसना: 7 अगस्त 2025 को सरायपाली विधायक चातुरी नन्द के नेतृत्व में कांग्रेस कार्यकर्ता और क्षेत्र के सैकड़ों किसान कृषि विभाग कार्यालय का घेराव करेंगे। इस विरोध प्रदर्शन के दौरान संबंधित अधिकारियों को ज्ञापन भी सौंपा जाएगा।

विधायक चातुरी नन्द ने क्षेत्र के सभी किसान साथियों और कांग्रेसजनों से इस किसान हितैषी आंदोलन में अधिक से अधिक संख्या में शामिल होने की अपील की है। उन्होंने कहा कि— यह आंदोलन किसानों की आवाज़ बुलंद करने का एक प्रयास है। खाद की कमी और कालाबाज़ारी के खिलाफ हम चुप नहीं बैठेंगे। किसानों को उनका हक दिलाना हमारी प्राथमिकता है।

खाद संकट और बढ़ती कालाबाजारी को लेकर सरायपाली विधायक चातुरी नन्द ने अब मोर्चा खोल दिया है। क्षेत्र में यूरिया, डीएपी और पोटाश जैसे जरूरी खाद की भारी किल्लत और जमकर कालाबाजारी की शिकायतों को लेकर वे 7 अगस्त को जोरदार धरना प्रदर्शन करने वाले हैं। यह प्रदर्शन किसानों के हक और उनकी आवाज को सरकार और प्रशासन तक पहुंचाने के उद्देश्य से किया जाएगा।

बसना और सरायपाली क्षेत्र में लगातार सामने आ रही शिकायतों में कहा गया है कि किसानों को खाद अधिक दामों पर बेची जा रही है। जबकि सरकार ने इन रासायनिक उर्वरकों के लिए न्यूनतम खुदरा मूल्य (MRP) निर्धारित किया है, इसके बावजूद खुलेआम मनमानी दरों पर इनकी बिक्री हो रही है।

विधायक चातुरी नन्द ने कहा कि “किसानों के साथ यह अन्याय अब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। खाद की कालाबाजारी और जमाखोरी में लिप्त लोगों पर कार्रवाई होनी चाहिए।” उन्होंने प्रशासन से भी आग्रह किया है कि तत्काल प्रभाव से छापेमारी कर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।

धरना प्रदर्शन में बड़ी संख्या में किसान और जनप्रतिनिधियों के शामिल होने की संभावना है। यह प्रदर्शन न केवल खाद की उपलब्धता सुनिश्चित करने की मांग करेगा, बल्कि कालाबाजारी करने वालों पर कड़ी कार्रवाई की मांग भी उठाएगा।

प्रमुख मांगें:
सभी प्रकार के खाद की समय पर और उचित मूल्य पर उपलब्धता
MRP से अधिक दर पर बिक्री करने वालों पर कार्रवाई
कालाबाजारी और जमाखोरी पर निगरानी रखने के लिए विशेष जांच दल का गठन

यह आंदोलन किसानों के अधिकारों की लड़ाई है, और इसका असर पूरे जिले में महसूस किया जाएगा। अब देखना यह होगा कि प्रशासन इस आंदोलन से पहले कोई ठोस कदम उठाता है या नहीं।

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