महासमुंद

महासमुंद: खाद की हो रही कालाबाजारी शायद होश में नहीं है संबंधित अधिकारी क्यों नहीं हो रहा है रहे सहकारी समितियों को खाद की पुर्ति

महासमुंद जिले के सभी क्षेत्रों के दुकानों में खाद की कालाबाजारी भारी मात्रा में हो रही छत्तीसगढ़ सरकार किसानों की सुविधा के लिए अनेक प्रकार की घोषणा कर रही है इधर के लिए किसानों को खाद नहीं मिल रहा है यूरिया का शासकीय दर 267₹ वहीं डी ए पी का 1300₹ लगभग लेकिन किसानों को सोसाइटी में खाद नहीं मिल रहा है महासमुंद क्षेत्र के किसान परेशान है हलाकान है इधर व्यापारी खाद को अधिक दामों पर बेच रहे हैं खेती करना है यह किसान की मजबूरी है मजबूर होकर किसान अधिक दामों पर खाद खरीद कर रहे है |

जोबा ,जलकि ,तुमगांव, बेमचा, झालखमरिया ,बरौंडा, बम्हनी, पटेवा तथा आसपास के सभी सहकारी समितियों में खाद की बहुत अधिक कमी है जिसके कारण किसानों को उचित दाम में पर्याप्त मात्रा में खाद नहीं मिल पा रहा है वहीं प्राइवेट कृषि केंद्रों में खाद्य का भरपूर मात्रा में भंडारण हो रहा है जिसके वजह से किसानों को खाद कृषि केंद्रों में जाकर व्यापारियों से खाद लेना पड़ रहा है जिसको मजबूरन अध्यक्ष कीमतों में आप खरीदना पड़ रहा है किसानों का जीवनी के लिए यह एक मुख्य आधार है बता दें कि इधर कृषि विभाग के अधिकारी कार्रवाई करने में कोई रुचि नहीं रख रहे हैं इसलिए खाद बेचने वाले व्यापारी बेखौफ होकर खुलेआम हाथ को 400 से 500 से अधिक दामों में बेच रहे.

किसानों को कोई सुध लेने वाला नहीं है क्षेत्र में खाद में पारियों की दुकानों का घर में जांच की जाए तो भारी मात्रा में अवैध रूप से रखे हाथ बरामद हो सकता है जनता के प्राप्त जानकारी के अनुसार यूरिया 265₹ है जिसे 700₹ में वही डीएपी 1300 है उसे 1600₹ से 1700₹ तक बेचा जा रहा है छत्तीसगढ़ सरकार ढिंढोरा पिट रही है कि किसानों को कोई परेशानी नहीं होगी सहकारी समितियों में पर्याप्त मात्रा में खाद उपलब्ध हो जाए तो आखिर क्यों नहीं हो रहा है व्यापारियों के पास भारी मात्रा में कहां से और कैसे अवैध रूप से खाद आ रहा है इसकी सूक्ष्मता से जांच होना चाहिए ताकि इसका पार्दाफाश हो सके |

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