जज की बेटी ने एकतरफा प्यार में अपने ही आशिक को मारी 4 गोलियां

मिडिया रिपोट्स के अनुसार जज की बेटी ने एकतरफा प्यार में अपने ही आशिक को मारी 4 गोलियां मेरे बेटे की हत्या उसकी बचपन की दोस्त ने की। उसके सीने में चार गोलियां मारकर। बेटे का कसूर बस इतना कि उसने उस लड़की से शादी से इनकार कर दिया था। वह जज की बेटी थी। उसे गुरूर था कि उसका कोई कुछ बिगाड़ नहीं पाएगा, लेकिन वह ये भूल गई कि मैं एक मां हूं। अपने बेटे के इंसाफ के लिए ऊपरवाले से भी टकरा जाऊंगी।
मैं दीपेंद्र कौर सिद्धू, पंजाब की रहने वाली हूं। साल 1994 में हम चंडीगढ़ आ गए और उसके बाद वहीं बस गए। पति वकील थे। चंडीगढ़ डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में असिस्टेंट एडवोकेट जनरल थे। ससुर भी पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट में जज रह चुके थे। मेरे दो बेटे थे सिप्पी और जिप्पी।
सिप्पी के पापा जिस कोर्ट में थे, उसी कोर्ट में परमिंदर सिंह भी वकील थे। वक्त के साथ दोनों में गहरी दोस्ती हो गई। घर आना-जाना हो गया। हम लोग एक परिवार की तरह रहने लगे। सुख-दुख में साथ देने लगे। यहां तक कि एक दूसरे के रिश्तेदारों यहां भी हमारा जाना-आना हो गया।
उनकी एक बेटी थी कल्याणी, सिप्पी से पांच साल छोटी। सिप्पी के पापा उसे खूब प्यार करते थे। दिनभर उसे अपनी गोद में उठाए घूमते थे, मानो उनकी अपनी बेटी हो। कल्याणी ज्यादातर टाइम मेरे ही घर रहती थी। सिप्पी के साथ खेलती थी। सिप्पी भी उसके घर खेलने जाता था।
एक दिन सिप्पी के पापा और कल्याणी के पापा बठिंडा घूमने गए थे। रास्ते में रात को सिप्पी के पापा को हार्ट अटैक आ गया। उनकी मौत हो गई। रात में ही परमिंदर सिंह की पत्नी और कल्याणी मेरे घर आईं। उन्होंने मुझसे सारी बात बताई। मेरे लिए वो सबसे दर्दनाक खबर थी।
कल्याणी के पापा ने हमारा खूब साथ दिया। कल्याणी भी 10 दिनों तक मेरे घर रही। एक बेटी की तरह मेरी मदद करती थी। अक्सर घर आकर छोटे-मोटे काम कर देती थी।
पति की मौत के बाद मैं काफी हद तक टूट गई थी, पर धीरे-धीरे दोनों बेटों ने मुझे संभाल लिया। दोनों बच्चे पढ़ने में अच्छे थे। दोनों ने पिता की तरह वकालत की पढ़ाई की। सिप्पी ने लॉ करने के बाद MBA किया और अपना लॉ फर्म खोल लिया।
इसी बीच कल्याणी की मां हिमाचल हाईकोर्ट में जज बन गईं। अब इलाके में उनकी अच्छी पैठ बन गई। कल्याणी को भी गुमान रहने लगा कि वो जज की बेटी है। वह अपने सामने किसी को कुछ समझती नहीं थी।
एक दिन कल्याणी के मां-पापा घर आए। वे सिप्पी के लिए कल्याणी का रिश्ता लेकर आए थे। मैंने कहा कि मुझे कोई दिक्कत नहीं है, लेकिन एक बार सिप्पी से पूछना पड़ेगा उसकी क्या मर्जी है। उनके जाने के बाद मैंने सिप्पी को यह बात बताई, लेकिन उसने मना कर दिया।
मैंने सिप्पी को समझाया भी कि दोनों परिवारों में अच्छी दोस्ती है। कल्याणी लड़की ठीक है, शादी कर लो, पर सिप्पी तैयार नहीं हुआ। मैंने कहा कि ठीक है, जब तुम्हें नहीं करनी तो मत करो।
उधर उस दिन के बाद से कल्याणी सिप्पी को तंग करने लगी, उसे ब्लैकमेल करने लगी। इसका असर यह हुआ कि सिप्पी परेशान रहने लगा। उसका काम में भी मन नहीं लगता था।
मैंने सिप्पी से पूछा आखिर क्या बात है? क्यों उखड़े-उखड़े रहते हो। पहले तो सिप्पी ने मना किया, लेकिन बहुत पूछने पर उसने एक बात बताई।
सिप्पी ने मुझसे कहा कि कल्याणी मुझे ब्लैकमेल कर रही है। शादी का दबाव बना रही है, लेकिन मुझे उससे शादी नहीं करनी है। मैं हंसने लगी। मैंने कहा कि कल्याणी अच्छी लड़की है, वो जिद पर अड़ी है तो कर लो शादी उससे।
सिप्पी ने कहा कल्याणी कई लड़कों के साथ रिलेशन में है। मुझे यकीन दिलाने के लिए उसने उसकी कुछ फोटोज दिखाई। मैं तो उन फोटोज को देखकर दंग रह गई। उस दिन के बाद मैं भी कल्याणी से कटी-कटी रहने लगी।
एक दिन सिप्पी ने परेशान होकर कल्याणी की आपत्तिजनक फोटो उसके पेरेंट्स को भेज दी। इससे कल्याणी आगबबूला हो गई। उसने कहा कि तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई एक जज की बेटी के साथ ऐसा करने की। तुझे मैं छोड़ूंगी नहीं। कल्याणी के पापा ने भी इस बात को पर्सनल ले लिया था। उसी दिन से दोनों परिवारों के बीच रिश्ते में खटास आ गई।
इसी बीच सिप्पी का कनाडा जाना हुआ। वह एक स्पोर्ट्स प्रोग्राम में गया था। वह खुद भी पैरालिंपिक संघ पंजाब का सचिव था, नेशनल लेवल पर शूटिंग करता था। 18 सितंबर 2015 को सिप्पी सुबह कनाडा से घर लौटा। घर आने के बाद उसने चाय पी और ऑफिस चला गया। उस रोज कल्याणी सिप्पी के ऑफिस गई और उससे खूब लड़ाई की।
इसके बाद कल्याणी दो-तीन बार मेरे घर आई। वह घर आते ही सीधे ऊपर सिप्पी के कमरे में चली जाती और उससे खूब झगड़ती थी। एक दिन तो उसने हमारे बर्तन तोड़ दिए, मुझसे कहने लगी कि बहुत सुंदर है न आपका बेटा, देख लूंगी।
मैं कल्याणी के साथ बहुत सख्त इसलिए नहीं हो रही थी कि जज की बेटी है पता नहीं दोनों बेटों पर क्या आरोप लगा दे।एक दिन सिप्पी को आधे घंटे में तीन अलग-अलग नंबर्स से फोन आए। वह काफी घबराया हुआ था। मैंने पूछा तो सिप्पी ने बताया कि कल्याणी उसे हर रोज नए बहाने से ब्लैकमेल करती है। कभी कहती है कि मैं मर रही हूं, अपना नस काट रही हूं। तुमने मुझसे शादी नहीं की तो तुम्हारा घर बर्बाद कर दूंगी। सिप्पी इससे डर जाता था कि कहीं कल्याणी कुछ कर न ले।
20 सितंबर 2015, रविवार का दिन। सिप्पी ने मेरे साथ किचन और स्टोर रूम साफ करवाया। किचन में मेरी मदद की। इसके बाद वो एक लड़की के साथ लंच करने और फिल्म देखने चला गया। सिप्पी की उस लड़की से शादी होनी थी।
शाम में सिप्पी घर लौटा। उसने मुझसे कहा कि कल्याणी का फोन आया था। वह मिलने को बुला रही है। क्या करूं? मैंने भी तंग आकर बोल दिया कि जा आखिरी बार मिल लो, वो क्यों बुला रही है। क्या कहना चाह रही है।
शाम 7.30 बजे सिप्पी उससे मिलने गया। रात के दस बज गए और वह नहीं लौटा तो मुझे लगा कि कल्याणी के साथ डिनर करके आएगा, लेकिन 11 बजने के बाद भी वह नहीं लौटा। फिर मैंने उसे फोन किया, लेकिन उसने कॉल रिसीव नहीं की। तभी मेरे मन में डाउट होने लगा, क्योंकि वह मेरा फोन पहली बार में ही उठा लेता था।
15 मिनट बाद मैंने फिर फोन किया। एक महिला ने फोन उठाया। उधर से आवाज आई मैं थाने से बोल रही हूं, आपके बेटा का एक्सीडेंट हो गया है। पार्क में उसकी बॉडी है। इतना सुनते ही मैं अरदास करने लगी। कुछ देर बाद बेहोश होकर गिर पड़ी।
होश आया तो देखा कि घर पर सारे रिश्तेदार-पड़ोसी आए हैं। मैं दहाड़ मारकर रोने लगी। थोड़ी-थोड़ी देर पर बेहोश होने लगी। बेहोशी में ही कह रही थी कि कल्याणी मेरा बेटा खा गई। उसने मेरे बच्चे की जान ले ली। वो जो मांगती उसे दे देती, पर मेरे बच्चे की जान तो छोड़ देती।
मेरे दोनों भाई डॉक्टर हैं। एक अमृतसर मेडिकल कॉलेज में प्रिंसिपल हैं और दूसरा भाई पटियाला मेडिकल कॉलेज में प्रिंसिपल है। वे लोग रातभर मुझे इंजेक्शन देते रहे। मुझे न तो सिप्पी की डेड बॉडी घर आने का होश है और न ही उसके दाह संस्कार का होश है। दो दिन तक मैं ऐसी ही अवस्था में रही।
दरअसल कल्याणी ने मेरे बेटे को चंडीगढ़ के सेक्टर 27 के पार्क में बुलाया था और चार गोलियां मारकर हत्या कर दी थी।बेटे की हत्या के बाद लोकल पुलिस ने किसी अनजान खिलाफ FIR कर दी, लेकिन सेक्टर 27 के पार्क के सामने ही एक औरत ने अपनी छत से कल्याणी को कार में बैठते देखा था। उसने गवाही भी दी।
इसके बाद भी पुलिस ने कुछ नहीं किया, तो सिप्पी के दोस्तों ने कैंडल मार्च निकाला। धरने दिए। मैंने आजतक उतनी भीड़ नहीं देखी जितने लोग उस दिन सिप्पी के इंसाफ के लिए सड़कों पर निकले थे।
इसके बाद हम दिल्ली गए और तब के गृहमंत्री राजनाथ सिंह से मिले। कानून मंत्री से मिले। हमारी दौड़-भाग के बाद 13 अप्रैल 2016 को केस CBI जांच के लिए सौंप दिया गया। इसके बाद भी पुलिस CBI की मदद नहीं कर रही थी।
7 दिसंबर 2020 को CBI ने स्टेटस रिपोर्ट दी जिसमें कल्याणी पर हत्या का शक जाहिर किया। 15 जून 2022 को CBI ने 173/2, 173 (8) के तहत कल्याणी को गिरफ्तार कर लिया।
12 सितंबर 2022 को CBI ने चार्जशीट फाइल की। CBI के मुताबिक, सिप्पी ने कल्याणी की कुछ आपत्तिजनक तस्वीरें वायरल की थीं। इससे कल्याणी की काफी बदनामी हुई। इसका बदला लेने के लिए उसने प्लानिंग करके सिप्पी की हत्या की।
मुझे ऊपर जाकर सिप्पी को जवाब देना है। सिप्पी के पापा से भी बताना है कि आपके दोस्त ने आपके जाने के बाद क्या किया हमारे साथ। आपने ऐसे लोगों से दोस्ती की, जिसने आपके जाने के बाद आपका ही घर उजाड़ दिया।
मैं टूट गई हूं, परिवार भी बिखर गया है, लेकिन मां हूं। वो जज की बेटी है तो गुमान में रहती है कि बच जाएगी, लेकिन उसे भी पता होना चाहिए कि वो रब की बेटी होती तो भी उसे मैं नहीं छोड़ती। रब के यहां से भी इंसाफ लाकर रहूंगी। अपने बेटे को इंसाफ दिलाए बिना नहीं मरूंगी।