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बसना/महासमुंद: धान खरीदी से पहले सक्रिय हुए अवैध धान दलाल — सीमावर्ती इलाकों में प्रशासन की सख्त कार्रवाई, भारी मात्रा में धान जब्त

देशराज दास, बसना/महासमुंद: छत्तीसगढ़ में 15 नवंबर से शुरू होने वाली धान खरीदी को लेकर जहां सरकार और प्रशासन खरीदी केंद्रों की साफ-सफाई एवं व्यवस्थाओं में जुटा है, वहीं दूसरी ओर सीमावर्ती क्षेत्रों में अवैध धान दलालों की सक्रियता भी तेजी से बढ़ गई है। किसानों से सस्ते दाम पर धान खरीदने और उसे पड़ोसी राज्य ओडिशा में खपाने का खेल एक बार फिर शुरू हो गया है।

बसना, सरायपाली और पिथौरा जैसे सीमावर्ती इलाकों में धान दलाल भोले-भाले किसानों को लालच देकर अवैध धान की खरीद-बिक्री में जुट गए हैं। ये दलाल NH-53 सहित विभिन्न मार्गों का उपयोग कर पिकअप और ट्रक के जरिये लाखों रुपये का अवैध धान परिवहन कर रहे हैं। स्थानीय सूत्रों के अनुसार, सीमावर्ती गाँवों के कुछ लोग भी इस नेटवर्क से जुड़कर मोटा मुनाफा कमा रहे हैं, जबकि वास्तविक किसान आर्थिक तंगी में दिन-ब-दिन पिछड़ते जा रहे हैं।

इस बीच जिला प्रशासन भी अवैध धान परिवहन, भंडारण एवं विक्रय पर नकेल कसने में जुट गया है। कलेक्टर विनय लंगेह के निर्देश पर राजस्व, खाद्य एवं मंडी विभाग की संयुक्त टीमों ने देर रात तक कई जगहों पर छापामार कार्रवाई की। तहसील सरायपाली के ग्राम बालसी में अनिल ट्रेडर्स के गोदाम से 375 कट्टा और रोशन ट्रेडर्स के गोदाम से 50 कट्टा धान जब्त किया गया। इसी तरह ओडिशा सीमा से परिवहन हो रहे 80 कट्टा धान को भी टीम ने पकड़ा।

वहीं तहसील पिथौरा क्षेत्र में एसडीएम बजरंग वर्मा के मार्गदर्शन में प्रशासनिक टीम ने छोटे लोरम, लालमाटी और गोमती गांवों में छापे मारकर करीब 900 बोरी अवैध धान जब्त किया है। सभी मामलों में मंडी अधिनियम के तहत आगे की कार्रवाई की जा रही है।

कलेक्टर विनय लंगेह ने कहा है कि—धान खरीदी प्रारंभ होने से पूर्व कोई भी व्यक्ति या व्यापारी अवैध रूप से धान का भंडारण या परिवहन न करे। नियम विरुद्ध पाए जाने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। सीमाओं पर निगरानी और सघन जांच अभियान जारी रहेगा।

अब देखना यह होगा कि प्रशासन की सख्त कार्रवाई के बावजूद क्या इस बार भी धान दलाल अपने मंसूबों में कामयाब हो पाएंगे या नहीं — यह आने वाले दिनों में साफ होगा।

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