महासमुंद: छोटे छोटे बच्चों के भविष्य के साथ हो रहा खिलवाड़ शिक्षा विभाग गम्भीर नहीं

महासमुंद: महासमुंद जिले में शिक्षा विभाग की बड़ी लापरवाही निकल कर सामने आ रही है महासमुंद जिले के अधिकतर प्राइवेट स्कूलों में मूलभूत सुविधाएं नहीं होने के बावजूद शिक्षा विभाग के द्वारा मान्यताएं दे दी गई है।
लगातार खबर प्रकाशन के बावजूद शिक्षा विभाग की गहरी नींद टूटी नहीं है पालक अपने बच्चों को अच्छी सुविधा उच्च शिक्षा मिल सके इसके लिए प्राइवेट स्कूलों की ओर रुख कर रहे हैं लेकिन इन दिनों प्राइवेट स्कूल अब व्यापार बन चुका है छोटे- छोटे बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है।अधिकारी बिना जांच किए स्कूल संचालन के लिए मान्यता का प्रमाण पत्र बांट रहे हैं।
महासमुंद जिले के पटेवा में संचालित श्रद्धा पब्लिक स्कूल में बच्चों के लिए न हीं खेल मैदान है और न ही पीने के लिए पानी की व्यवस्था है और न ही शौचालय है स्कूल विगत 3 वर्षों से संचालित हो रहा है लेकिन अभी तक शिक्षा विभाग किसी प्रकार की कोई कार्यवाही नहीं की है इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि शिक्षा विभाग शिक्षा के स्तर को लेकर कितना गंभीर है वहीं इस मामले में स्कूल के संचालक भी मान रहे हैं कि सुविधा की कमी है खेल मैदान नहीं है शौचालय नहीं है बाउंड्री वॉल नहीं है। बावजूद इसके मान्यता दे दी गई है।
महासमुंद जिले में इस प्रकार की यह दूसरी घटना है अमूमन देखा जाए तो कई प्राइवेट स्कूल जो है शिक्षा विभाग के मानक के अनुसार संचालन नहीं हो रहा है अब देखना होगा की शिक्षा विभाग इस मामले में कार्यवाही करती है या एसी कमरों में बैठकर जिस प्रकार स्कूल संचालन के लिए मान्यताएं बाटी गई है उसी प्रकार क्लीन चिट भी दे दी जाएगी।