पटाखों संग मनाएं दिवाली की खुशियाँ, बच्चों की सुरक्षा रहे आपकी पहली प्राथमिकता
नन्हे-मुन्नों की दिवाली हो खुशियों भरी, सुरक्षा के साथ मनाएं पटाखों का त्योहार

देशराज दास (छत्तीसगढ़ भूमि न्यूज़) रोशनी का त्योहार दीपावली आ चुका है और हर तरफ उल्लास का माहौल है। यह त्योहार हर किसी को भाता है, लेकिन बच्चों का उत्साह तो सातवें आसमान पर होता है, क्योंकि पटाखों की रंगीन दुनिया में मस्ती और रोमांच जो छिपा है, लेकिन यह मस्ती तभी पूरी है जब सुरक्षा का दामन थामकर चला जाए।
खासकर जब बात नन्हे- मुन्नों और पटाखों की हो, तो जरा सी लापरवाही बड़ी अनहोनी का सबब बन सकती है। आपकी थोड़ी सी आपकी लापरवाही बड़ी दिक्कत खड़ी कर सकती है तो इस दिवाली जब आप अपने नन्हे-मुन्नों के साथ पटाखे जलाने की तैयारी करें, तो इन बातों का ध्यान रखें।
सबसे पहली शर्त है बड़ों की देखरेख
बच्चों को कभी भी अकेले पटाखे न जलाने दें। चाहे वह फुलझड़ी ही क्यों न हो, एक व्ययस्क को हमेशा उनके पास रहना चाहिए। बच्चे जोश में आकर गलती कर बैठते हैं, ऐसे में घर के बड़ों मौजूदगी उन्हें सुरक्षित रखेगी।
कपड़ों का रखें विशेष ख्याल
अपने बच्चों को पटाखे जलाते समय हमेशा सूती (काटन) और थोड़े फिटिंग वाले कपड़े ही पहनाएं।
सिंथेटिक या ढीले-ढाले कपड़े बिलकुल न पहनाएं, क्योंकि ये बहुत जल्दी आग पकड़ते हैं और जलने का खतरा बढ़ा देते हैं।
पैरों में जूते-चप्पल जरूरी
पटाखे जलाते समय बच्चों के पैरों में चप्पल की जगह बंद जूते पहनाएं। यह पैरों को जमीन पर पड़े जलते हुए पटाखों के टुकड़ों और चिंगारी से बचाएगा।
पटाखे के लिए सुरक्षित स्थान का चुनाव करें
पटाखे हमेशा किसी खुली जगह, जैसे पार्क या मैदान में ही जलाएं। ऐसी जगह का चुनाव करें जहां आस-पास कोई ज्वलनशील वस्तु (सूखे पत्ते, घास, लकड़ी, गैस सिलेंडर, या वाहन) न हो।
अपने आस-पास पानी की बाल्टी और रेत रखें तैयार
किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए अपने पास पानी से भरी बाल्टी और रेत हमेशा तैयार रखें। अगर कोई चिंगारी त्वचा पर गिरे, तो तुरंत उस हिस्से को ठंडे पानी से धोएं।
पटाखा दूर से जलाएं, हाथ में नहीं
बच्चों को सिखाएं कि पटाखे जलाने के लिए लंबी डंडी वाली अगरबत्ती या फुलझड़ी का इस्तेमाल करें और पटाखे में आग लगाते ही तुरंत उससे पर्याप्त दूरी बना लें। कभी भी किसी भी पटाखे को हाथ में पकड़कर न जलाएं।
फूस (फेल हुए) पटाखों से रहें दूर
अगर कोई पटाखा एक बार में न जले (फूस हो जाए), तो उसे दोबारा छूने या जलाने की कोशिश न करें। बच्चों को खासकर इस बात के लिए सख्त मना करें। ऐसे पटाखों में देर से आग लग सकती है और बड़ा हादसा हो सकता है।
फर्स्ट- एड किट रखें पास
पटाखे जलाने की जगह पर एक छोटी फर्स्ट-एड किट (प्राथमिक उपचार किट) हमेशा तैयार रखें। जिसमें जलने पर लगाई जाने वाली क्रीम (बर्न क्रीम) और पट्टियां मौजूद हों।
हरित पटाखों का ही चुनाव करें
जहां तक संभव हो, कम प्रदूषण और कम शोर वाले ग्रीन पटाखों का ही इस्तेमाल करें। यह पर्यावरण और आपके बच्चों दोनों के स्वास्थ्य के लिए बेहतर है।
राकेट और तेज आवाज वाले पटाखों से दूरी
राकेट जैसे पटाखों को सही दिशा में जलाया जाए, इस पर बड़ों की निगरानी जरूरी है। छोटे बच्चों को तेज आवाज वाले बमों और पटाखों से दूर रखें, क्योंकि ये उनके कानों और आंखों के लिए हानिकारक हो सकते हैं।