समय पर जारी नहीं किये जा रहे ई पास मां और भाई के मृत कर्म में शामिल होने के लिए बेटी के अनुरोध को प्रशासन ने किया अस्वीकार बेटे की मृत्यु के सदमे से माता की हुई थी मृत्यु

मृतक नीलमणी शर्मा,मृतक श्रीमती सरस्वती शर्मा
महासमुंद जिले के पटेवा ग्राम से बलौदाबाजार जिले के रिसदा ग्राम में अपनी माता व भाई के मृत संस्कार के कार्यक्रम में शामिल होने के लिए ई पास के अनुरोध को प्रशासन द्वारा अस्वीकार कर दिया गया है जिससे उसके परिवार ने इसे अपने संस्कारों पर कुठाराघात बताया है |
उल्लेखनीय है कि ग्राम पटेवा निवासी शिवकुमारी शर्मा का मायका बलौदाबाजार जिले का रिसदा ग्राम है जहां 15 अप्रैल को बेटे की मृत्यु की खबर से उनकी माताजी का निधन हो गया चूंकि बिना ई पास वह कार्यक्रम में शामिल नहीं हो सकती थी इसलिए अपने परिवार से चर्चा कर दूसरे दिन क्रियाकर्म करना तय किया गया तथा 15 अप्रैल को ही ई पास के लिए उनके पति द्वारा ऑनलाईन आवेदन प्रस्तुत किया गया लेकिन 16 अप्रैल को सुबह 9 बजे तक ई पास जारी नहीं होने से वह अंतिम संस्कार में शामिल नहीं हो पाई थी.
अब जबकि वह मृतक के अन्य कार्यों में शामिल होने के लिए जाने का अनुरोध कर रही है तो प्रशासन द्वारा उसके अनुरोध को अस्वीकार कर दिया गया है| ज्ञातव्य है कि उसके बड़े भाई नीलमणी जो कि बिलासपुर में अपनी बेटी के घर अस्थाई रूप से रह रहे थे उनको कोरोना पॉज़िटिव बताकर कोनी के कोविड सेंटर में भर्ती किया गया था कुछ पता नहीं चलने पर परिजनों द्वारा दो- तीन दिन तक बिलासपुर के सभी अस्पतालों का चक्कर लगाया गया फिर 15 अप्रैल को कोनी थाना में रिपोर्ट दर्ज कराने का प्रयास किया गया लेकिन थाना में रिपोर्ट लिखने से मना कर दिया। काफी परेशानी और भाग दौड़ के बाद पता चला कि उसका नाम बदलकर मरचुरी बिलासपुर में रख दिया गया था, चार दिन तक शव को रखे जाने से उसकी स्थिति खराब हो गई थी जिसका दाह संस्कार बिलासपुर में ही किया गया उसकी खबर मां को मिलते ही मां का निधन हो गया |
पीडिता ने बताया कि 12 अप्रैल को भाई की गुमशुदगी से माता को धैर्य बंधाने तथा उन्हें देखने व समझाकर वापस आने के लिए ई पास का आवेदन किया गया था परन्तु बलौदाबाजार जिले से उक्त ई पास अनुरोध को अस्वीकार कर दिया गया तथा 16 अप्रैल को समय पर ई पास जारी नहीं होने से अंत्येष्ठी में शामिल नहीं हो सकी अब पुनः मृतक के अन्य संस्कारों में शामिल होने हेतु ई पास अनुरोध को अस्वीकार किया जा रहा है जिससे परिवार अपने संस्कारों की बलि चढाने बाध्य हो रहा है मां बाप के निधन पर पुत्र की तरह पुत्री का भी संस्कारों में शामिल होने का कर्तव्य है, परंतु इस कार्य के लिए प्रशासन द्वारा ई पास अनुरोध को अस्वीकार किया जा रहा है परिवार ने कहा है कि प्रशासनिक बाध्यता का हवाला देकर संस्कारों के दायित्व पर कुठाराघात उचित नहीं है।