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सेना में भर्ती के लिए लड़कियों में दिखा जज्बा, 25 जिलों की सैकंडो बेटियां पहुंची

बेटियां अब किसी मामले में भी बेटों से कम नही है। फिर चाहे बात सरहद पर सेना की वर्दी पहनकर लड़ने की क्यों ना हो। बेटियां ऐसे जोखिम भरे खतरों का मुकाबला करने में भी बेटों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलने को तैयार है। बेटियों के इस हौसले और जोश का ऐसा ही एक नजारा सेना भर्ती के दौरान देखने को मिला। जहां बड़ी संख्या में लड़कियां सेना में भर्ती होने के लिए फिजिकल टेस्ट देने पहुंची।

आरओ मुख्यालय भर्ती जोन (उत्तर प्रदेश व उत्तराखण्ड) द्वारा सोमवार को लड़कियों की सेना में भर्ती आयोजित की गई। फिजिकल टेस्ट एएमसी सेंटर एवं कॉलेज स्टेडियम में आयोजित किया गया। जुलाई माह में भर्ती की अधिसूचना जारी की गयी थी। पहले दिन यूपी के 25 जिलों से 1969 अभियर्थियों को बुलाया गया था। लडकिया रात में ही भर्ती स्थल पहुंच गयी और गेट पर डेरा डालकर बैठ गयी। सभी को कोविड फ्री प्रमाणपत्र साथ लेकर आने निर्देशित किया गया था। सुबह 5 बजे गेट खुलने के बाद सभी की स्क्रीन टैस्ट के बाद स्टेडियम के अंदर प्रवेश दिया गया। पहले दिन उत्तरप्रदेश के 25 जिलों से 1969 युवतियां भर्ती के लिए पहुंची। जो कोविड टेस्ट प्रमाणपत्र लेकर नही पहुंची थी उनको टेस्ट के बाद भर्ती में भाग लेने की अनुमति दी गयी।

भर्ती में भाग लेने पहुंची अभ्यार्थियों ने पहले सुबह 8 बजे 1600 मीटर दौड़ में भाग लिया। उसके बाद लंबी कूद और ऊंची कूद में अपनी प्रतिभा दिखाई। इस भर्ती के कुल 5898 लड़कियों ने पंजीयन कराया है जिसमें से 5573 उत्तरप्रदेश से है और 325 प्रतिभागी उत्तराखंड की है।

सुबह आठ बजे से पहली परीक्षा 1600 मीटर की दौड़ शुरू हुई। अभ्यर्थियों ने पूरी क्षमता से अपनी प्रतिभा का परिचय दिया। इसके बाद दस फुट लम्बी कूद व तीन फुट ऊंची कूद को लांघ कर पहली बाधा पार कर ली। चयनित अभ्यर्थियों का अब लिखित परीक्षा होगी। इस भर्ती में कुल 5898 अभ्यथिर्यों ने पंजीकरण कराया है। इसमें 5573 प्रदेश से व 325 उत्तराखण्ड की अभ्यर्थी हैं।

एडीजी रिक्रूट मेजर जनरल एनएस राजपुरोहत ने भर्ती में पूरी पारदर्शिता बरतने का दावा किया है। सीसीटीवी कैमरों से भी प्रतिभागियों पर निगरानी रखी जा रही है। दौड़ में सफल अभ्यर्थियों की बायोमैट्रिक कराई जा रही है। भर्ती में शामिल होने पहुंची ज्यादातर अभ्यर्थी किसानो की बेटियां है। उनमें बचपन से सेना में शामिल होने का सपना था। इसके लिए वह लम्बे समय से पसीना बहा रही हैं। संतकबीरनगर की सोनी अगहरी, रायबरेली की बबिता सिंह, रायबरेली की भारती यादव आदि ने कहा कि वह दुश्मन को ठिकाना लगाने को आतुर हैं। सीमा पर तैनात होकर वह मुंहतोड़ जवाब देना चाहती है।

सरहद पर बेटों के साथ बेटियां भी अपनी ताकत का अहसास कराने को आतुर हैं। सेना में भर्ती होकर वह चीन व पाकिस्तान जैसे दुश्मन देशों को मुंहतोड़ जवाब देने को बेताब हैं। उनका यह जज्बा सोमवार को महिला सैन्य भर्ती में दिखाई दिया। दुश्मन को ठिकाने के लगाने का मौका पाने के लिए उन्होंने पूरी ताकत लगाई। दौड़, ऊंची कूद व लम्बी कूद की शारीरिक परीक्षा पास कर पहली सीढ़ी पार कर ली।

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