महासमुंद

राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जयंती से केंद्र के द्वारा किसानों के खिलाफ लाये गए काले कानून को वापस लेने सत्याग्रह शुरू : अंकित

महासमुंद/बागबाहरा। ब्लॉक कांग्रेस कमीटी ग्रामीण के प्रथम अध्यक्ष अंकित बागबाहरा ने बताया कि 2 अक्टूबर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जयंती,व स्व प्रधानमंत्री लालबहादुर शास्त्री जी के जयंती के दिन सर्वप्रथम खल्लारी विधानसभा के गांधी ग्राम तमोरा में बापू की मूर्ति में माल्यार्पण किया,पूजा अर्चना पश्चात राष्ट्रपिता के जीवनी पर प्रकाश डाला गया साथ ही केंद्र की मोदी सरकार द्वारा लाये गये 3 कृषि बिल के खिलाफ हस्ताक्षर अभियान की शुरुआत की ।

तत्पश्चात प्रदेश कांग्रेस कमेटी छत्तीसगढ़ के निर्देश पर व जिला कांग्रेस कमीटी के मार्गदर्शन पर व संसदीय सचिव व विधायक खल्लारी विधानसभा के विधायक द्वारिकाधीश यादव जी के मुख्य आथित्य में ब्लॉक कांग्रेस कमेटी बागबाहरा ग्रामीण के तत्वावधान में खल्लारी ग्राम में मां खल्लारी के आंगन में केंद्र के हिटलर शाही राज के काले कानून के खिलाफ नुक्कड़ सभा कर हस्ताक्षर अभियान किया गया व अंत में इस काले कानून को वापस लेने राष्ट्रपतिजी के नाम ज्ञापन भी सौंपा गया ।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि खल्लारी विधायक और संसदीय सचिव छत्तीसगढ़ शासन द्वारिकाधीश यादव थे ,कार्यक्रम को मुख्य रूप से द्वारिकाधीश यादव , अंकित बागबाहरा , सीमा देवानंद निर्मलकर , भूपेंद्र मुन्गू ठाकुर,रवि निषाद , सेवाराम साहू ,मोहन कुलदीप ने भी सम्बोधित किया और उपस्थित सभी लोगों ने एकस्वर में बिल का विरोध किया और तत्काल इस काले कानून को वापस लेने की मांग की है और बागबाहरा ब्लॉक कांग्रेस कमेटी ग्रामीण के समस्त पोलिंग बूथ पर हस्ताक्षर अभियान की शुरुआत हेतु जिम्मेदारियां भी बांटी गई ,व प्रदेश कांग्रेस द्वारा उपलब्ध पम्पलेट का वितरण भी किया गया इस हस्ताक्षर अभियान में जिसमें बड़े किसान , छोटे किसान , रेगहा पद्धति के किसान सभी वर्ग ने इस बिल को जन विरोधी बताया है .

कृषि बिल पर प्रकाश डालते हुए कहा गया कि वास्तव में यह बिल किसानों को समाप्त करने वाला बिल है इससे सिर्फ बिचौलिए बढ़ेंगे और बड़े पूंजीपतियों को लाभ होगा जिसका प्रमाण है कि अम्बानी ने इस बिल के आते ही खुदरा व्यापार की बड़ी कंपनी फार्च्यून ग्रुप से 25000 करोड़ का करार का उसका कार्य खरीद लिया ।

बिल प्रस्तुत करने के तरीक़े से भी लोकतंत्र की हत्या का प्रयास किया गया जिस प्रकार राज्यसभा में इसे ध्वनि मत से पारित किया गया। यह भारत की संसदीय प्रणाली का परिचायक नहीं है। ऐसे महत्वपूर्ण अध्यादेश का संसद में केंद्र सरकार के इशारे पर वोटिंग नहीं करा कर ध्वनि मत से पारित कराना संसदीय कार्यप्रणाली पर ताे कुठाराघात है ही, यह जनभावना के भी विपरीत है। ये देश के किसानों के हितों के साथ खिलवाड़ होगा। इससे केंद्र व राज्यों के बीच टकराव की आशंका पैदा होगी और किसानों के हितों के साथ खिलवाड़ होगा।

इससे मंडी खत्म होगी मंडी में कार्यरत हमाल,मजदूर,ट्रांसपोर्टर खत्म होंगे और राज्यों को होने वाली आय का बड़ा नुकसान होगा । धीरे से सहकारिता और फिर राशन वितरण प्रणाली पर प्राइवेटाइजेशन की तलवार लटक जाएगी । काला बाजारी, जमाखोरी अपने चरम में होगी जिसका प्रमाण है कि प्याज और अरहर के मूल्यों में वृद्धि होनी शुरू हो चुकी है । एक राष्ट्र एक बाजार का सबसे बड़ा नुकसान छत्तीसगढ़ के किसानों को होगा जब उनकी खरीफ की फसल के समय अन्य राज्यों से भी धान हमारी सीमा में आएगा और एक नई लड़ाई की शुरुआत होगी ।

केंद्र की भाजपा सरकार से सवाल किया गया कि उस स्टेट का नाम बताइए जहां पर हरियाणा-पंजाब का किसान अपनी धान, गेहूं, चावल, गन्ना, कपास, सरसों, बाजरा बेचने जाएगा, जहां उसे हरियाणा-पंजाब से भी ज्यादा रेट मिल जाएगा? और उस राज्य का नाम बताइए जहां यहां के किसानों को धान की कीमत ज्यादा मिलेगी । दूसरा सबसे बड़ा प्रश्न यह है कि अगर अध्यादेश लाना था व किसानों का हित करना था तो msp का क़ानून बनाते की कोई भी इससे कम में लेगा तो उसपर कानूनी कार्यवाही की जाएगी ।

कार्यक्रम में प्रमुख रूप से देवानन्दनिर्मलकर, तारेश साहू,राजेश राजपूत,वीरेंद्र शुक्ला,टेकराम कुलदीप,रामेश्वर चक्रधारी,केवल यादव,तातुराम ध्रुव,कोमल महानंद, नंद कुमार निषाद,ताम्रध्वज बघेल,पोखन साहू,हीराचंद धीवर,निजाम दीवान, वरुण यादव,आशाराम,गेंदलाल महानंद, देवकुमारी नाग,मनहरण गुप्ता,सुनील व्योहार, दयानंद,जोहनलाल,भिखारी लाल,अजयकुमार,खेमराज सोनवानी,भूपेंद्र ध्रुव,गणेश शर्मा,हरिराम यादव,जयंती चंद्राकर, रमेश चंद्राकर, इंद्रकुमार चौहान,खोमेश साहू,शुभम बाघ,सुखरूराम साहू,धेलूराम यादव,मनीराम ध्रुव,हितेश साहू,गोविंद दीवान,साज़िद खान,संतोष शर्मा,घनश्याम दीवान,दीपक दीवान,गैंदसिंग सहित बड़ी संख्या में कांग्रेसजन व किसान उपस्थित थे ।

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