पिथौरामहासमुंद

महासमुंद जिले के सांकरा में धड़ल्ले से अवैध डामर प्लांट संचालित,ग्राम पंचायत से ली गई NOC की समय सीमा हुई समाप्त पढ़े पूरी खबर

भूषण लाल साहू सांकरा: अधोसंरचना विकास के लिए सड़कों का जाल छत्तीसगढ़ में फैलाया जा रहा है. सांकरा में भी इन दिनों सड़कों के निर्माण में तेजी आई है. एक तरफ रोड के निर्माण से जहां कनेक्टिविटी को बढ़ावा मिल रहा है. वहीं दूसरी तरफ सड़क निर्माण में इस्तेमाल होने वाला डामर प्रदूषण का एक बड़ा कारण बनता जा रहा है. इसकी वजह है हॉट मिक्स प्लांट. इन प्लांटों के जरिए ही डामर की आपूर्ति होती है. जिससे सड़कों का निर्माण किया जाता है. लेकिन डामर तैयार करने के लिए स्थापित होने वाले हॉट मिक्स प्लांट से पर्यावरण को गंभीर खतरा उत्पन्न हो रहा है. सांकरा में नियमों को ताक पर रखते हुए ग्रामीण इलाकों में हॉट मिक्स प्लांट संचालित हो रहे हैं. इसकी वजह से ग्रामीणों की स्वास्थ्य को खतरा उत्पन्न हो गया है।

भूषण लाल साहू ने बताया डामर प्लांट स्थित ग्राम के सचिव से NOC के संबंध में बात की तो सचिव ने कहा कि पंचायत के द्वारा एक बार NOC गया था लेकिन अब एनओसी की समयावधि खत्म हो चुकी है और सचिव का यह कहना है कि डामर प्लांट के धुएं से गांव वाले को परेशानी हो रही है व गांव वाले भी अब इस प्लांट से परेशान हो चुके है व डामर प्लांट को हटाने की मांग कर रहे हैं जिस पर सचिव द्वारा पंचायत के साथ मीटिंग कर प्रस्ताव के साथ प्लांट को हटाने को बात कही है।

अब डामर प्लांट पर बड़ा सवाल यह उठता है कि एन ओ सी के समयावधि समाप्त होने के बाद भी ठेकेदार बिना डरे धड़ल्ले से डामर प्लांट से डामर निकाल रहा है लेकिन यहां पर जिम्मेदार भी इस डामर प्लांट को लेकर चुप्पी साधे हुए हैं मानो ऐसा लगता है कि यहां के जिम्मेदारों को अब तक इस अवैध प्लांट जानकारी न हो लेकिन ऐसा भी नहीं है पिथौरा के एसडीएम को इस अवैध डामर प्लांट के बारे में पूरी जानकारी है और पिथोरा एसडीएम द्वारा डामर प्लांट पर लगे स्टे को भी हटवाया है अब सवाल यह उठता है कि आखिर लगा क्यों था और इस से हटाया क्यों गया क्योंकि सचिव का साफ तौर पर कहना है कि यह पहले कोटवारी सेवा भूमि थी और उसे खरीद कर इस पर लीज के माध्यम से डामर प्लांट का व्यवसाय किया जा रहा है।

जो को पूर्णता गलत है क्योंकि बीते दिनों सरकार के द्वारा यह आदेश जारी किया गया था कि कोटवार से वहीं भूमि को कोटवारों ने जिसे भी बेचा है उस जमीन को तत्काल वापस लिया जाए लेकिन वापस लेना तो दूर की बात इस कोटवार सेवा भूमि पर डामर प्लांट का अवैध व्यवसाय फल और फूल रहा है और यहां के जिम्मेदार कुंभकरण निद्रा में सोए हुए हैं।

ग्राम पंचायत से ली गई NOC की समय सीमा हुई समाप्त उसके बाद भी हो रहा है संचालित अवैध डामर प्लांट
कोटवारी सेवा भूमि में हो रहा है अवैध डामर प्लांट संचालित.
40 फिट की चिमनी लगना था लगा दिया 10 फिट का चिमनी निकल रहा है खोफनाक जहर उगलता हुआ धूआ

एक और जहां छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल की सरकार छत्तीसगढ़ को भ्रष्टाचार मुक्त बना कर सही दिशा में चलाने का प्रयास कर रहे हैं तो वहीं विभाग के जिम्मेदार अधिकारी अवैध रूपी डामर प्लांट को संरक्षण देते नजर आ रहे हैं क्योंकि इस पर लगे हुए डामर प्लांट पर अचानक ही से हटाया गया और कोटवार सेवा ही भूमि पर व्यवसाय के लिए परमिशन दे दिया गया। कहीं ना कहीं यहां शासन के अधिकारियों की भी मिलीभगत की बू आती है।

पर्यावरण के दृष्टिकोण से भी डामर प्लांट पर्यावरण के लिए भी घातक है
पर्यावरण के लिए काफी नुकसानदायक डामर प्लांट के कारण पर्यावरण को काफी नुकसान पहुंचता है। डामर प्लांट से निकलने वाले धुँए के कारण आसपास के क्षेत्र में रहने वाले के घरों में जैसे अंधेरा छा जाता है, जहरीले धुएं का सबसे ज्यादा असर बच्चों पर पड़ता है। इसकी चपेट में आने से बच्चों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। एक तरफ जिला प्रशासन लगातार सुपोषण अभियान चलाकर बच्चों को पोटीन पोषण आहार देकर, महिलाओं और बच्चों को सुपोषित कर रही है, वही डामर प्लांट से निकलने वाले धुएं के कारण कई तरह की बीमारियों के साथ ही कुपोषण भी फैल सकता है।

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