बसना: रेमड़ा टांडा महिला बंजारा समाज में दीपावली और गोवर्धन पूजा हरसोल्लास से मनाया।

बसना: बंजारा समाज पूरे छत्तीसगढ़ ही नहीं बल्कि पूरे भारत देश के अलग अलग राज्यों में निवास करते है । परंतु इसकी बोलो भाषा और पारंपरिक कार्यक्रम त्योहार और बोली चोली रहन सहन एक होने के करना आज भी बंजारा समाज की पहचान अलग हैं ।
महासमुंद जिले के रेमड़ा टांडा में महिला बंजारा समाज के द्वारा दिवाली मिलन एवम् गोवर्धन पूजा बड़ी धूम धाम एवम् हर्षोल्लास के साथ बनाया गया। बंजारा समाज में खास उनकी बोली भाषा अलग और पहनावा में भी चोली की अलग पहचान है यह समाज के लोग दिवाली में लक्ष्मी पूजन के बाद घर घर जाकर दीपावली कि बधाई देते हुए एक दूसरे की खुशी जाहिर करते है।
गोवर्धन पूजा कि रहती है अलग पहचान
बंजारा समाज कि महिलाएं खास कर गोवर्धन पूजा विधि उन्ही के द्वारा निभाया जाता है इस दिन महिलाए उपवास रख कर टांडा नायक के यहां एकत्रित होकर टांडा नायक के गोशाला में गोबर से बने गोवर्धन पर्वत कि पूजा अर्चना कर कार्यक्रम को आगे बडाते हुए पूरे टांडा में हर घर में गोबर से बने गोवर्धन पर्वत कि पूजा कर एवम् बंजारा गीत लड़ी गीत गा कर उत्सव बनाती है। यह समस्त जानकारी आल इंडिया बंजारा सेवा संघ छत्तीसगढ़ के प्रदेश मीडिया प्रभारी पंचराम परमार ने मीडिया को दी।