घर-घर विराजे सिद्धिविनायक

मुकेश कश्यप कुरुद 22 अगस्त.भादो के पवित्र महीने में ग्यारह दिनों तक विराजने वाले मंगलमूर्ति गणपति बप्पा जी शनिवार को शुभ मुहूर्त में घर-घर विराजित हो गए है।देवो में पहले पूजे जाने वाले गौरी के लाला गणेश जी प्रतिवर्ष हर घर मे पधारकर लोगो को खुशहाली रूपी शुभाशीष देकर जाते है।मूषक पे विराजे बप्पा की भक्ति से समूचे वातावरण में गणेश जी की भक्ति की अविरल धारा से सराबोर हो जाता है।
कुरुद के शिक्षक मुकेश कश्यप ने सभी जनो को गणेश चतुर्थी की बधाई देते हुए पर्व की महत्ता का वर्णन करते हुए कहा कि कोई भी कार्य शुरू करने से पहले गणेश जी की पूजा की जाती है। बप्पा गणों के स्वामी हैं, इस वजह से उनका एक नाम गणपति भी है. गणेश चतुर्थी को विनायक चतुर्थी भी कहते हैं।गणेश जी को विद्या-बुद्धि का प्रदाता, विघ्न-विनाशक और मंगलकारी भी माना गया है।गणेश चतुर्थी हिन्दुओं का एक प्रमुख त्यौहार है।
यह त्यौहार भारत के विभिन्न भागों में मनाया जाता है,किन्तु महाराष्ट्र में बडी़ धूमधाम से मनाया जाता है। पुराणों के अनुसार इसी दिन गणेश का जन्म हुआ था।उसका वाहन मूषक चंचलता का प्रतीक है,लंबोदर महाराज की भक्ति पशुप्रेम के सन्देश का प्रतीक है।उनकी पूजा-अर्चना का भाव लोगो को परिवार प्रेम ,बलबुद्धि का ध्यान और मंगल की कामना से जुड़ा है।इनके क़ई प्रमुख नाम है,जिसमे सुमुख, एकदंत,कपिल,गजकर्ण,लंबोदर,विकट,विघ्नविनाशक,विनायक,धूम्रकेतु,गणाध्यक्ष,भालचन्द्र, गजानन आदि है।