सरायपाली

सरायपाली:विद्यालय में मनाए गए हिंदी दिवस सहित अंतरराष्ट्रीय लोकतंत्र दिवस एवं अभियंता दिवस

सरायपाली ब्लाक अंतर्गत शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय केना, में 14 सितम्बर, ‘हिंदी दिवस’ पर ‘हिंदी सप्ताह’ तथा 15 सितम्बर ‘अभियंता दिवस’ व ‘अंतर्राष्ट्रीय लोकतंत्र दिवस’ का आयोजन किया गया। संस्था के व्याख्याता ने कार्यक्रम के ऑफलाइन आयोजन में आर. एस. राय एवं ऑनलाइन के लिए शैलेन्द्र कुमार नायक ने इसे संचालित किया।

जिसमें सभी विद्यार्थियों के लिए विभिन्न प्रतियोगिताओं – वाद-विवाद, निबंध लेखन, कवि एवं लेखकों के जीवन परिचय की प्रस्तुति, भाषण, सस्वर कविता पाठ का क्रमशः ऑनलाइन एवं ऑफलाइन आयोजन हुआ। संस्था प्राचार्य एम. एल. नायक ने कहा कि भावों की अभिव्यक्ति का सशक्त माध्यम भाषा होती है। मातृभाषा का स्थान सदा ही उच्च होता है। सभी विषयों को सरलता से समझने और जानने के लिए मातृभाषा का विशेष योगदान है।

वरिष्ठ व्याख्याता पी. एन. बेहेरा ने हिंदी दिवस मनाने के कारण एवं इसके इतिहास पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम संयोजक एवं व्याख्याता अंग्रेजी, शैलेन्द्र नायक ने वक्तृत्व कला के विकास में भाषा की भूमिका एवं सत् -साहित्य के अध्ययन हेतु विद्यार्थियों का पथ प्रदर्शन किया । भूषण पटेल व्याख्याता भौतिकी ने वर्तमान समय में हिंदी भाषा की महत्ता एवं आवश्यकता पर विचार प्रस्तुत किया। छात्र बलराम राणा, कक्षा बारहवीं ने संविधान में हिंदी भाषा से जुड़े तथ्यात्मक जानकारियों को साझा किया। कु. अनुपमा, कक्षा दसवीं ने सस्वर कविता पाठ कर सभी का मन मोह लिया। कु. नेहा प्रधान, कक्षा बारहवीं ने भाषा में अनुवाद की आवश्यकता पर अपनी बात अंग्रेजी के कोटेशन से तुलना करके कही।

कु. सपना प्रधान, कक्षा बारहवीं ने शहीदों के लिए गीत प्रस्तुत कर खूब तालियाँ बटोरीं। “कुछ सपनों के मर जाने से जीवन नहीं मरा करता है” हिंदी के प्रसिद्ध कवि गोपालदास नीरज जी के इन पंक्तियों को प्रस्तुत करते हुए प्रतिभागी विद्यार्थी कु. आरती कर, कक्षा दसवीं ने ‘हिंदी दिवस’ के कार्यक्रम को गति प्रदान किया। कु. रीनू एवं सोमा कक्षा बारहवीं ने भजन प्रस्तुत किया। समापन में आभार व धन्यवाद ज्ञापन आर. एस. राय ने किया। संस्था के व्याख्याता गण जी. एस. होता, अनूप मेश्राम, ए. व्ही. एक्का, निर्मल प्रधान, प्रीति उबोवेजा, वंदना बड़घैया, चेतना निबरगिया, मंजूषा तिग्गा, गोविंद कामड़े, अनुज बरेठ, अश्वनी यादव, सत्यप्रकाश साहू, मंगत यादव की सक्रिय सहभागिता रही।

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