बसना

नीलकंठ पक्षी का दर्शन विजयादशमी पर शुभ माना जाता है,पढ़े पूरी खबर

महासमुंद/बसना। विजयादशमी पर्व पर नीलकंठ पक्षी को देखना शुभ माना जाता है, राजा हो या रंक सभी इसका दर्शन कर खुशी महसूस करते है लेकिन अब यह खुबसूरत पक्षी विलुप्त होने की कगार पर है, शहरी क्षेत्र तो छोडिये ग्रामीण वनांचल क्षेत्रो मे भी अब यह पक्षी किस्मत वालो को मुश्किल से दिखाई देता है इसी कारण इंटरनेशनल यूनियन फार नेचर कंजवेंशन आॅफ नेचर ययूसीएन ने नीलकंठ को रेल लिस्ट मे शामिल कर लिया है यानि तेजी विलुप्त हो रहा जीव है, विदित हो कि कल विजयादशमी का पर्व है इस दिन नीलकंठ पक्षी का दर्शन शुभ माना जाता है, यह पक्षी हमारी संस्कृति मे इतना ज्यादा रचा बसा है कि इसे भारत के चार राज्यो बिहार, कर्नाटक, आंध्रप्रदेश और ओडिशा मे राज्य प़क्षी घोषित किया गया है इस पक्षी का वैज्ञानिक नाम कोरीसियास बेगालोन्सिस है इसे अंग्रेजी मे इंडियान रोलर भी कहा जाता है वही छत्तीसगढ़ के ग्रामीण वनांचल क्षेत्रो मे इसे टेहर्रा के नाम से प्रसिद्ध है यह पक्षी संपूर्ण भारत मे पाया जाता है।

कीटनाशक के चलते विलुप्ति के कगार पर
पक्षी के संबंध मे जानकारी रखने वालो के मुताबिक नीलकंठ दुर्लभ प्रजाति का संरक्षित पक्षी है फसलो मे प्रयोग होने वाले कीटनाशक दवाओ से नीलकंठ पक्षियो की असमय संख्या घटी है, जलवायु परिवर्तन भी नीलकंठ पक्षी के विलुप्त होने का बड़ा कारण कीटनाशक दवाओ से मरे कीड़े मकोड़ो को खाकर नीलकंठ की संख्या घट रही है तो वही तेजी से जंगलो की अवैध कटाई, फलदार वृक्षो की कमी इस पक्षी के लुप्त होने के कारण है जिसके चलते यह पक्षी असमय काल के गाल मे समा रहे है।

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