“त्योहार करीब, लेकिन पंचायतों की तिजोरी खाली – सरपंच-सचिवों में बढ़ी चिंता”

महासमुंद/छत्तीसगढ़ भूमि। दशहरा और दीपावली जैसे बड़े त्यौहार नज़दीक हैं, लेकिन प्रदेश की पंचायतों में अब भी विकास कार्यों की गाड़ी रुकी हुई है। पंचायत प्रतिनिधियों का कहना है कि लंबे समय से शासन स्तर से भुगतान जारी नहीं हुआ है। इससे न सिर्फ सरपंच और सचिवों को परेशानी उठानी पड़ रही है, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में चल रहे कई विकास कार्य अधूरे पड़े हैं।
ग्रामीणों का आरोप है कि पिछली सरकार के कार्यकाल में केवल एक किस्त जारी की गई थी, लेकिन नए कार्यकाल में निर्वाचित सरपंचों को अब तक राशि नहीं मिली है। परिणामस्वरूप पंचायतों में न तो पुराने कार्य पूरे हो पा रहे हैं और न ही नई योजनाओं की शुरुआत हो रही है।
त्योहारों के समय जहां लोग साफ-सफाई, प्रकाश व्यवस्था और सांस्कृतिक कार्यक्रमों की उम्मीद करते हैं, वहीं पंचायतों की तिजोरी खाली होने के कारण गांवों में तैयारी अधूरी रह गई है। सचिवों और सरपंचों ने बताया कि शासन द्वारा राशि जारी नहीं किए जाने से उन्हें ग्रामीणों के बीच जवाब देने में भी असहज स्थिति का सामना करना पड़ रहा है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि अगर जल्द ही भुगतान जारी नहीं हुआ, तो ग्रामीण अंचलों में बुनियादी कामकाज ठप पड़ सकते हैं। वहीं कई पंचायत प्रतिनिधियों ने शासन से गुहार लगाई है कि त्योहारी सीजन को देखते हुए तुरंत राशि आवंटित की जाए, ताकि विकास कार्यों को गति मिल सके और गांवों की सूरत निखर सके।