रायपुर

नया विधानसभा भवन की नींव में ही गायब मिनीमाता का नाम

वर्तमान में छत्तीसगढ़ विधानसभा का नाम ममतामयी मिनीमाता के नाम पर रखा गया है | अब जब प्रदेश में कांग्रेस की भूपेश सरकार द्वारा नवीन विधानसभा का निर्माण किया जा रहा है। भूमिपूजन का कार्य 29 अगस्त 2020 को नया रायपुर में सम्पन्न हुआ, जिसमे ममता मई मिनी माता जी का नाम ही गायब है, जिससे प्रदेश भर के सतनामी समाज मे रोषव्याप्त है।

छत्तीसगढियों के लिए यह निर्माण कार्य गर्व की बात है। ऐसे विकास कार्यों के लिए हम सरकार की प्रशंसा एवं खुशी व्यक्त करते हैं | लेकिन, खुशी के साथ ही यह बड़े दु:ख की बात है कि नवीन विधानसभा के भूमिपूजन बोर्ड में कहीं भी मिनीमाता विधानसभा भवन अंकित नही किया गया है। न ही मा. मुख्यमंत्री जी, मा.चरणदास महंत जी, और मा. ताम्रध्वज साहू जी द्वारा इस सम्बन्ध में जो उद्बोधन हुए, उसमें कहीं भी विधानसभा का नाम मिनीमाता जी के नाम पर करने का जिक्र नहीं किया गया.

शासन के शीर्ष में बैठे हमारे मुखिया लोगों के द्वारा हुई इस चूक से छत्तीसगढ़ में सतनामी समाज में निराशा के साथ ही साथ नाराज़गी एवं आक्रोश भरा हुआ है.

शासन के द्वारा हुई इस चूक पर उधर शोसल मीडिया में अफरातफरी मचा हुआ है | वहीं, लोग इसे मिनीमाता के नाम को बदलकर किसी दूसरे के नाम पर रखने का साजिश बता रहे हैं जिसको लेकर समाज मे काफी रोषव्याप्त है। और शासन द्वारा नाम बदले जाने पर इसके विरोध में जन आंदोलन छेड़ने की बात शुरू कर दिए हैं।

यहाँ पर चाहिये की मुख्यमंत्री मा.भूपेश बघेल जी, इस विषय पर जल्द ही संज्ञान लेते हुए ममतामयी मिनीमाता जी के नाम का पूर्व की भांति यथावत रखने का मुहर लगाना चाहिए.

नवीन विधानसभा भवन
आओ जानें क्यों होना चाहिए नवीन विधानसभा का नाम मिनीमाता के ही नाम पर :-

1. वर्तमान विधानसभा का नाम ममतामयी मिनीमाता के नाम पर ही है। तब इसके नाम को बदलने का सोचने का कोई औचित्य ही नही है |

2.आप छत्तीसगढ़ की प्रथम महिला सांसद (कांग्रेस) रही हैं तथा 1952 से 1971 तक लगातार 5 बार सांसद रहीं जिसके माध्यम से छत्तीसगढ़ का प्रतिनिधित्व करती रहीं | आपने छत्तीसगढ़ में महिला राजनीति की नीव रखकर एक मिशाल पेश किया है। आप छत्तीसगढ़ की आधी आबादी महिला की आदर्श हैं।
3. महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी पूर्व सांसद जगत्गुरु अगम दास जी की धर्म पत्नी होने के साथ-साथ आप स्वयं भी एक स्वतंत्रता सेनानी थीं.

4.मिनीमाता जी छत्तीसगढ़ राज्य निर्माण की स्वप्नद्रष्टा हैं और उन्होंने राज्य निर्माण के लिए हुए आंदोलनों में महत्वपूर्ण भूमिका भी अदा किये.

5.आपने छत्तीसगढ़िया किसानों के हित को ध्यान में रखते हुए हसदेव बांगो बाँध निर्माण में अहम भूमिका निभाया और किसानों के हज़ारों एकड़ भूमि को सिंचित बनाकर उन्हें खुशहाल कर दिया.

6.मिनीमाता जी द्वारा छत्तीसगढ़िया मज़दूरों की हालत को सुधारने और उन्हें रोज़गार उपलब्ध कराने के उद्देश्य से छत्तीसगढ़ मज़दूर कल्याण संगठन, भिलाई की स्थापना की गई जिसके माध्यम से मज़दूरों को प्रशिक्षण भी दिलाया गया.

7.विश्व में व्याप्त कोरोना वायरस से भी ज्यादा खतरनाक भारतीय समाज में फैली हुई जातिगत भेदभाव, छुआछूत के विरुद्ध अस्पृश्यता निवारण बिल भारतीय संसद में पास कराने पर अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया |

8.इसके साथ ही आपने मानव कल्याण, नारी उत्थान, बाल विवाह, दहेज प्रथा, नि:शक्त व अनाथों के लिए आश्रम,महिला शिक्षा जैसे विषयों पर काम किया.

9.आपकी दिल्ली का निवास एक धर्मशाला जैसा था जिसका द्वार हमेंशा छत्तीसगढ़वासियों के लिए खुला रहता, लोग आपके सरल, सहज व्यक्तित्व और समर्पण तथा सेवाभाव के साथ ममतामयी रूप के कारण छत्तीसगढ़ की राजमाता भी कहते थे अगर आज हम आपको छत्तीसगढ़ महतारी के नाम से संबोधित करें तो कोई अतिशंयोक्ति की बात नहीं होगी.

10. ममतामयी मिनिमाता ने देश और कांग्रेस पार्टी की आखिरी दम तक सेवा की है।
छत्तीसगढ़ की जनता मिनीमाता जी को ममतामयी और छत्तीसगढ़ की मसीहा के रूप में देखती है | मिनीमाता जी ने छत्तीसगढ़िया हित में जाति धर्म की सीमा से ऊपर उठकर मानवता के लिए कार्य किया | जिस आधार पर छत्तीसगढ़ प्रदेश में उन्हें मिले सम्मान बरक़रार रहना चाहिए और इसकी रक्षा करना प्रत्येक छत्तीसगढ़िया सपूतों और छत्तीसगढ़िया सरकार की जिम्मेदारी है.

  • प्रदेश सतनामी समाज के महासमुंद युवा प्रकोष्ठ जिला अध्यक्ष अजय टंडन बताते है कि वर्तमान विधानसभा भवन की तरह नवीन विधानसभा भवन नया रायपुुर का नाम भी मिनीमाता जी के नाम पर होंना चाहिए। साथ ही इस नवीन विधानसभा भवन में मिनीमाता जी का एक भव्य विशाल प्रतिमा भी लगे, जिससे उनकी उपस्थिति का एहसास बना रहे और छत्तीसगढ़ के नेता मंत्रीगण उनके आदर्श मार्ग पर चलकर मानव कल्याण का कार्य करते रहें है, अन्यथा मिनीमाता जी का नाम नवनिर्मित विधानसभा भवन से बदलने के स्थिति में प्रदेशव्यापी आंदोलन के लिए बाध्य होगी सतनामी समाज ।
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