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बच्चों में पीलिया से बचाव के लिए समय पर वैक्सीन जरूरी-डॉ. अमित अग्रवाल

बच्चों में पीलिया (Jaundice)

पीलिया एक ऐसी स्थिति है जिसमें बच्चे की आँखों का सफेद हिस्सा और त्वचा पीली हो जाती है। यह रक्त में बिलीरुबिन (Bilirubin) नामक पदार्थ के बढ़ने के कारण होता है।

प्रमुख कारण

  1. नवजात शिशुओं में – जन्म के बाद लिवर पूरी तरह परिपक्व नहीं होता, जिससे बिलीरुबिन को सही तरीके से बाहर नहीं निकाल पाता।

  2. संक्रमण (Infection) – वायरल हेपेटाइटिस (A, B, C, D, E,), मलेरिया, टाइफाइड आदि।

  3. रक्त विकार – सित्लिंग थैलेसीमिया, G6PD की कमी आदि।

  4. लिवर की बीमारियाँ – लिवर में सूजन या क्षति।

लक्षण

  • आँखों और त्वचा का पीला होना

  • भूख कम लगना

  • थकान या सुस्ती

  • गहरा पीला या भूरा पेशाब

  • उल्टी या बुखार (कुछ मामलों में)

  • पेट में दर्द

बचाव

  • स्वच्छ पानी पीना

  • साफ-सुथरा भोजन

  • संक्रमित व्यक्ति के संपर्क से बचना

  • जन्म के बाद समय पर स्तनपान और चिकित्सकीय जांच

डॉ. अमित अग्रवाल द्वारा वैक्सीन संबंधी जानकारी

डॉ. अमित अग्रवाल (वरिष्ठ शिशु रोग विशेषज्ञ) ने बताया कि हेपेटाइटिस बी (Hepatitis B) और हेपेटाइटिस ए (Hepatitis A) के टीके बच्चों को समय पर लगवाना पीलिया से बचाव में बहुत मददगार है।

  • हेपेटाइटिस बी वैक्सीन – जन्म के 24 घंटे के भीतर पहली खुराक, फिर 6 और 10 सप्ताह पर अगली खुराक।

  • हेपेटाइटिस ए वैक्सीन – 12 माह की उम्र के बाद, डॉक्टर की सलाह अनुसार।

उन्होंने यह भी कहा कि वैक्सीन के साथ साफ-सफाई और पौष्टिक भोजन पीलिया की संभावना को काफी कम कर देता है। समय में इलाज नहीं करने से यह बीमारी घातक हो सकती है

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