महासमुंद: कृषि उपज मंडी संशोधन विधेयक बनेगा किसानों के लिये संजीवनी :अंकित

महासमुंद/बागबाहरा। ब्लॉक कांग्रेस कमीटी ग्रामीण के प्रथम अध्यक्ष व वरिष्ठ कांग्रेस नेता अंकित बागबाहरा ने छत्तीसगढ़ शाशन के मुखिया भूपेश बघेल के नेतृत्व में केंद्र की भाजपा सरकार द्वारा लाये गए किसानों के अहित के विधेयक से छत्तीसगढ़ के किसानों की रक्षा के लिए छत्तीसगढ़ कृषि उपज मंडी ( संशोधन ) विधेयक 2020 ला कर यहां के किसानों को संजीवनी देने का काम किया था ।
अंकित बागबाहरा ने बताया कि केंद्र की नई व्यवस्था में पूंजीपतियों के नियंत्रण में किसानी आने वाली है जिससे उनका नियंत्रण बढ़ने,मेंहंगाई बढ़ने की स्थिति बन गयी है जिसका प्रमाण बढ़ती हुई आलू प्याज की कीमतें है । इससे सबसे पहले प्रभाव समर्थन मूल्य में कृषि उत्पाद की खरीद पर पड़ता और तो और पी डी एस प्रणाली के प्रभावित होने की आशंका भी है ।
इसी लिए तत्काल कांग्रेस की सरकार द्वारा मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जी के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ विधानसभा के विशेष सत्र में छत्तीसगढ़ कृषि उपज मंडी ( संशोधन) विधेयक 2020 को चर्चा के पश्चात ध्वनि मत से पारित कर दिया गया जिसमें धारा 4 के अधीन स्थापित की गई मंडी में संशोधन अंतर्गत जो भी व्यक्ति या व्यापारी कृषि उपज का क्रय विक्रय करता है उसे उसके संबंध में पूरे कागजात बताने होंगे और इसी में दंड प्रकिया संहिता 1973 (1974 का स 2) की धारा 100 के उपबंध यथास्थान उपधारा (4) के अधीन तलाशी के लिए पात्र होंगे
जिसमें उनके द्वारा सम्बंधित फर्म के कार्यालय/व्यापार का स्थान/भंडारण/स्थापना व प्रसंस्करण उद्योग की भी खरीद पंजी,आवक,जावक व स्टॉक को देख सकेंगे ।इसी प्रकार धारा 49 की उपधारा (4)में जानकारी देने से इनकार करने व गलत जानकारी देने पर भी कार्यवाही की जाएगी । इस प्रकार राज्य सरकार द्वारा मंडी नियम को संशोधित कर किसानों के लिए रक्षा कवच का काम किया है ।
अंकित बागबाहरा ने बताया कि किसान पुत्र व किसान भूपेश बघेल ने कहा कि केन्द्र सरकार एक राष्ट्र-एक बाजार की दुहाई देती है। जब एक राष्ट्र-एक बाजार है, तो कीमत भी एक होनी चाहिए। यदि केन्द्र सरकार एक राष्ट्र-एक बाजार-एक कीमत की व्यवस्था लागू कर दें, तो हमें कानून में संशोधन करने की जरूरत ही नहीं पड़ती। बघेल ने कहा कि उन्होंने कहा कि कृषि क्षेत्र में तीन नए कानून बनाकर केन्द्र सरकार पूंजीपतियों को लाभ पहुंचाना चाहती है। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार के नए कानूनों से किसानों के मन में संशय पैदा हो गया है। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार को इस बात की गारंटी देनी चाहिए कि किसानों के उपज को कोई भी समर्थन मूल्य से नीचे नहीं खरीदेगा।
आगे अंकित बागबाहरा ने बताया कि छत्तीसगढ़ राज्य पुर्ण रूप से कृषि आधारित राज्य है जिससे इसे धान का कटोरा भी कहा जाता है और इस राज्य में सबसे बड़ा आंकड़ा यह है कि प्रदेश में 80 प्रतिशत लघु एवं सीमांत कृषक हैं. लघु एवं सीमांत कृषकों की कृषि उपज भंडारण तथा मोल-भाव की क्षमता नहीं होने से, बाजार मूल्य के उतार-चढ़ाव तथा भुगतान की जोखिम को दृष्टिगत रखते हुए, उनकी उपज की गुणवत्ता के आधार पर सही कीमत, सही तौल तथा समय पर भुगतान सुनिश्चित कराने हेतु डीम्ड मंडी तथा इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग प्लेटफार्म की स्थापना किया जाना कृषक हित में आवश्यक हो गया था इसी कारण ये कानून लाया गया ।
एक छोटा उदाहरण देते हुए अंकित बागबाहरा ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा लाया गया कानून मंडियों को वही शक्तियां कानूनी रूप से प्रदान करती है जिसके कारण बागबाहरा के एक व्यापारी के द्वारा लगभग 12 किसानों से 57 लाख का धान खरीदा गया और धोखाधड़ी कि गयी और आज मंडी एक्ट के कारण ही वो सलाखों के पीछे है।
अंत में अंकित ने कहा कि कृषि उपज मंडी संशोधन विधेयक से किसानों,गरीबों,मजदूरों और उपभोक्ताओं सभी वर्गों के हितों की रक्षा की जा सकेगी ।इस विधेयक को लाने के लिए समस्त कृषकों की ओर से अंकित बागबाहरा ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल व कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे के साथ समस्त कांग्रेस के जनप्रतिनिधियो का धन्यवाद ज्ञापितकिया है।