बसना

बसना: अग्रवाल नर्सिंग होम बसना में मात्र 18 माह के बच्चे के सांस नली में सीताफल खाते वक्त बीज निगला सांस नली में जा फंसा ब्रॉन्कोस्कोपी द्वारा निकालने में सफलता मिली

बसना सरायपाली अंचल की एक और उपलब्धि। अग्रवाल नर्सिंग होम बसना में मात्र 18 माह के बच्चे को दिनांक 8 अक्टूबर को सांस लेने में परेशानी होने के कारण भर्ती कराया गया।तकलीफ इतनी गंभीर थी की बच्चे को तत्काल वेंटीलेटर में रखा गया जिसके बावजूद भी बच्चे का ऑक्सीजन लेवल 70 से उपर नही आ रहा था.

एक्सरे एवम अन्य जांच में पाया गया की दाएं साइड का फेफड़ा पूरी तरह बंद है।डॉक्टर अमित अग्रवाल शिशु रोग विशेषज्ञ द्वारा ऐसी संभावना रखते हुए की बच्चे की सांस नली में कुछ चीज अटकी हुई है जिसने बच्चे को इतना गंभीर किया है।परिजनों से पूरी जानकारी प्राप्त करने से शक जो था विश्वास में बदल गया।पता चला की 2 दिन पूर्व बच्चे ने सीताफल खाते वक्त बीज निगला होगा जो की सांस नली में जा फंसा।

इमरजेंसी में रायपुर के प्रसिद्ध डॉक्टर सतीश राठी ENT surgeon डॉक्टर अमित अग्रवाल,डॉक्टर दयानद होता, निश्चेतना विशेषज्ञ डॉक्टर रश्मी बर्मन एवम नर्सिंग होम के समस्त ओटी,आईसीयू स्टाफ की मदद से सांस नली में फसे हुए सीताफल बीज को ब्रॉन्कोस्कोपी द्वारा निकालने में सफलता मिली।

डॉक्टर अमित अग्रवाल ने बताया कि इस जटिल प्रक्रिया में जान का रिस्क बहुत ज्यादा होता है। बच्चा अब पूरी तरह स्वस्थ है।डॉक्टर अमित ने बताया कि 5 साल से कम उम्र के बच्चों को छोटी वस्तुएं जैसे खिलोने,मोती ,बीज वाले फल मुगफली नारियल,इत्यादि से दूर रखे,और बहुत ही सावधानी पूर्वक खिलाए,अचानक खांसी,सांस की तकलीफ होने पर इस प्रकार की संभावना रखते हुए अपने शिशु रोग विशेषज्ञ से तत्काल परामर्श ले।
बसना जेसे छोटे कस्बे में इस प्रकार का इलाज व ऑपरेशन होना अपने आप में चुनौती साबित होती है

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