महासमुंद

अवैध शराब/गांजा विक्रेता का कॉल रिकॉर्ड निकाला जाए तभी दूध का दूध और पानी का पानी होगा : अंकित

महासमुन्द.बागबाहरा ब्लॉक कांग्रेस ग्रामीण के प्रथम अध्यक्ष व वरिष्ठ कांग्रेसी नेता अंकित बागबाहरा ने बागबाहरा के अंतिम छोर उड़ीसा के ग्राम नर्रा में विगत 30 सितंबर को घटी घटना को बागबाहरा के इतिहास में हुई आने आप में बड़ी और पहली घटना बताया साथ ही सवाल पूछा की क्यों जनता को स्वयं ही किसी अवैध काम को रोकने कानून को अपने हाँथ में लेना पड़ा? क्यों उनकी बार बार की शिकायत को अनसुना किया जाता रहा ?क्यों वहां पर लगातार अवैध शराब और अवैध रूप से गांजा बेचने की खुली छूट दी गयी थी?

अंकित बागबाहरा ने इस सन्दर्भ में महासमुन्द एस पी को एक पत्र सौंपा है और प्रतिलिपि रायपुर आई जी की ओर भी प्रेषित करते हुये कहा है कि इस प्रकरण के कारण पुलिस विभाग के साथ साथ कांग्रेस सरकार के ऊपर भी उंगली उठ रही है और मांग की है कि आपके द्वारा तत्कालीन थाना प्रभारी,एक एस आई के साथ कुछ आरक्षकों को प्रथम दृष्टया ही दोषी मानते हुए लाइन अटैच व निलंबित किया है तो क्या उनके द्वारा पूर्वाग्रह से लिखी गयी अज्ञात लोगों के खिलाफ दर्ज कई धाराओं में अपराध को निरस्त किया जाएगा ? इस जांच को कोमाखान थाने में ना कर नर्रा में जन चौपाल के माध्यम से किया जाए ?

अवैध मादक पदार्थों के विक्रेताओं के व शामिल पुलिस कर्मचारियों के मोबाइल नम्बरों की कॉल डिटेल निकाला जाए ताकि इनके आपसी रिश्ते जाने जा सके व दूध का दूध और पानी का पानी हो सके । अवैध व्यवसाय पर स्थायी अंकुश लगे ऐसी कार्यवाही की जाए साथ ही साथ शामिल पुलिस कर्मियों के ऊपर ऐसी कार्यवाही की जाए ताकि भविष्य में कोईकर्मचारी इस हद तक नीचे जा कर भ्रष्टाचार ना कर सके ।

साथ ही साथ सबसे महत्वपूर्ण बात की ग्रामीणों के खिलाफ रिपोर्ट के माध्यम से सच की बात उठाने वाले और अवैध कार्यों के खिलाफ अपनी बात को मुखर करने वालों को डराया सताया ना जाये इसकी भी पक्की गारण्टी ली जाए और एफ आई आर निरस्त किया जाए क्यों कि पुलिस की गाड़ी पलटाने और तोड़ फोड़ को अंजाम देने वाले अवैध व्यवसायी से मिले भी हो सकते है । 

अंत में उन्होंने जनहित में निवेदन किया कि अपराधियों और शामिल पुलिस कर्मचारियों के कॉल रेकॉर्ड की जांच आवश्यक रूप से करते हुए और तत्कालीन थाना प्रभारी जो कि स्वयं प्रथम दृष्टया दोषी पाया गया है के द्वारा दर्ज ग्रामीणों के खिलाफ मामले को तत्काल वापस लिया जाए ।

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