सरायपाली: स्वामी आत्मानंद इंग्लिश मीडियम स्कूल को प्राप्त आबंटन राशि का जमकर दुरुपयोग किया जा रहा,फर्जीवाड़े की हद तो तब हो गई जब बिना

सरायपाली। स्वामी आत्मानंद इंग्लिश मीडियम स्कूल सरायपाली का संचालन पिछले वर्ष से शासकीय आदर्श स्कूल में किया जा रहा है। शिक्षा सत्र 2021-22 में स्वामी आत्मानंद स्कूल को प्राप्त आबंटन राशि का जमकर दुरुपयोग किया जा रहा है। बिल व्हाउचर के माध्यम से मनमाने तरीके से राशि आहरण करने का मामला प्रकाश में आया है। सूचना के अधिकार से मिली जानकारी के अनुसार शासन से स्वामी आत्मानंद इंग्लिश मीडियम स्कूल सरायपाली के संचालन के लिए कुल 63 लाख 78 हजार 2 सौ 20 रु प्राप्त हुआ था।
जिसमें से 51 लाख 33 हजार 705 रु व्यय किया गया है। 12 लाख 44 हजार 5 सौ 15 रुपये बचत होने की जानकारी दी गई है। व्यय राशि में से 49 लाख 83 हजार 9 सौ 12 वेतन भत्ते में खर्च किया गया है तथा अन्य आकस्मिक व्यय के रूप में 1 लाख 49 हजार 7 सौ 93 रुपये खर्च किया गया है। मेला उत्सव एवं प्रदर्शनी के लिए आबंटित राशि का व्यय अभी तक नहीं किया गया है। प्राचार्य स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम विद्यालय सरायपाली द्वारा सत्र 2021-22 में कार्यालय संचालन के नाम पर जमकर आर्थिक अनियमितता बरती गई है। स्टेशनरी, खेल सामग्री, खाने-पीने के नाम पर अनाप शनाप राशि खर्च की गई है। जिन फर्मों के पास सामग्री खरीदी की गई है उन फर्मों का जीएसटी नंबर होते हुए भी जीएसटी बिल प्रदान नहीं किया गया है।
बिना जीएसटी बिल के माध्यम से ही शासकीय राशि का भुगतान कर दिया गया है। बिना कोटेशन के स्टेशनरी सामग्री को एक फर्म से ही खरीदी करना संदेहास्पद प्रतीत होता है। एक ही सामग्री को बार-बार खरीदी कर राशि का दुरुपयोग किए जाने का अंदेशा जताया जा रहा है। स्कूल में ताला लगाने के लिए 4360 रुपये खर्च किया गया है। स्कूल द्वारा कुल 22 ताले खरीदे गए हैं। सबसे महंगा ताला 535 का है। इसी तरह से स्कूल के लिए 16 डस्टबिन 2680 का खरीदा गया है। कई सामग्री को बार-बार खरीदी की गई है जो जांच का विषय हो सकता है। इन सामग्रियों को खर्च करने के लिए क्रय एवं भंडार अधिनियम का पालन भी नहीं किया गया है।
आश्चर्य की बात तो यह है कि शासन से प्राप्त आबंटन की राशि को व्यय करने में शासन के नियमों का पालन नहीं किया गया है। जिस राशि का उपयोग आत्मानंद स्कूल की गुणवत्ता सुधार में होना चाहिए था उसका उपयोग जिला शिक्षा अधिकारी के नाम पर किया गया है। 10 जून 2021 को एक बिल हर्षादिक रेस्टोरेंट महासमुंद का लगाया गया है। यह बिल जिला शिक्षाधिकारी के नाम पर काटा गया है और उसका भुगतान प्राचार्य आत्मानंद इंग्लिश मीडियम स्कूल सरायपाली द्वारा किया गया। दिनांक 5.6.2021 को नाश्ता, भोजन, चाय पानी के नाम पर 5135 का भुगतान किया गया है।
अब सवाल यह उठ रहा है कि जिला शिक्षा अधिकारी महासमुंद द्वारा खाने-पीने में किया गया खर्च का भुगतान सरायपाली प्राचार्य द्वारा किया जाना कहां तक उचित है। यही नहीं दिनांक 21.10.2021 को उसी रेस्टोरेंट का एक और बिल प्रस्तुत किया गया है जिसमें 5200 सिर्फ बिसलरी पानी बॉटल, कॉफी, बिस्किट में ही खर्च किया गया है। शिक्षा विभाग के इन अधिकारियों द्वारा की जा रही फिजूलखर्ची को देखकर ‘‘स्वामी आत्मानंद‘‘ की आत्मा को भी गहरा दुख पंहुचा होगा।
स्कूल संचालन के नाम पर फर्जीवाड़े की हद तो तब हो गई जब बिना नाम पता के एक बिल का भुगतान भी कर दिया गया। वाउचर नंबर 23 में दिनांक 7 मार्च 2021 को 2000 का भुगतान कर दिया गया है। लगता है कहीं पर गिरे हुए बिल को ही व्हाउचर बनाकर राशि आहरण कर लिया गया। जब प्राचार्य के पास पास्ड फार पेमेंट के लिए इस बिल को प्रस्तुत किया गया होगा तो क्या उन्होनें आंख बंद कर उस बिल में हस्ताक्षर किया। अगर ऐसे ही हस्ताक्षर उनके द्वारा किया गया होता होगा तो वे प्राचार्य पद की गरिमा के अनुरूप कार्य संपादन नहीं कर पा रहे हैं। शासकीय राशि का आहरण आंखें बंद करते हुए किया जा रहा है तो ऐसी स्कूलों का भगवान ही मालिक है। फिर चाहे सरकार वहां बच्चों के भविष्य को लेकर जितने सपने संजो क्यों न ले।