
मनहरण सोनवानी बसना: वर्तमान समय में गर्मी अपने पूरे चरम पर है और इस वर्ष लोगों का घरों से निकलना भी मुश्किल हो रहा है ऐसे में ग्रामीणों को पेयजल के लिए सुबह से शाम तक पानी के लिए बोरिंगों पर नंबर लगाना पड़ रहा है। ऐसे हालातो में महासमुंद जिला के रेमड़ा गांव की महिलाओं ने बताया कि हम लोग भीषण गर्मी से परेशान नही बल्कि पेयजल समस्या से परेशान है, रेमड़ा टांडा पारा में एक बोर से 30 से 40 परिवार आश्रित है और वो भी बिजली चले जाने पर गाँव से दूर स्कूल परिसर के बोरिंग से पानी लाते है, कभी कभी एक-एक बूंद पानी के लिए भी तरसना पड़ता है।
वही गांव के लोगों का कहना है कि सरपंच, सचिव द्वारा हमारी समस्याओ को नजरअंदाज कर कोई ध्यान नहीं दे रहे है और ना ही पेयजल संकट को दूर करने का प्रयास किया जा रहा है।

साथ ही बताए कि ग्राम पंचायत द्वारा एक वर्ष पहले पेयजल संकट दूर करने के लिए गांव के सभी वार्डो में पानी टंकी निर्माण हेतु रेत, ईंट, गिट्टी व सीमेंट गिराया गया था लेकिन अब तक निर्माण कार्य शुरू नही हुआ है और निर्माण सामग्री वैसे ही पड़ा हुआ है जिससे ग्रामीण पूरी तरह से त्रस्त है। गांव के तालाबो में पानी नही है, जिससे ग्रामीण नाहा नही पाते, और नहाने के लिए विभिन्न जगहों पर भटकते रहते है, ग्रामीण तालाब भराव का मांग भी किये है लेकिन सचिव व सरपंच द्वारा कोई ध्यान नही दे रहे है!
वही ग्राम पंचायत के सचिव निराकार पटेल का कहना है कि पेयजल के लिए पानी टंकी निर्माण किया जाना था जिसके लिए लगभग सभी वार्डो में टंकी निर्माण के लिए सामग्री भी गिराया जा चुका है लेकिन कुछ स्थानों पर विवादित होने पर निर्माण कार्य रोक दिया गया था, और अब निर्माण कार्य प्रारंभ हो चुका है निर्माण कार्य पूर्ण होते ही ग्रामीणों को बिजली चले जाने पर भी पानी की समस्या से छुटकारा मिल जाएगा।