इस योजना के नाम पर करते थे ठगी, गिरोह उत्तर प्रदेश से गिरफ्तार

रायपुर 09 सितम्बर। प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के नाम पर युवक को लोन दिलाने का झांसा देकर ठगों ने एक युवक से करीब डेढ़ लाख रुपये की रकम वसूल ली। युवक को सोशल मीडिया पर फर्जी आईकार्ड और आधार, पैन कार्ड दिखाकर पहले युवकों ने भरोसे में लिया और फिर कई किश्तों में यह रकम वसूली। युवक को जब अपने साथ हो रही ठगी का आभाष हुआ तो उसने उरला थाने में इसकी रिपोर्ट दर्ज कराई थी। रिपोर्ट के आधार पर पुलिस टीम ने आरोपितों की पतासाजी की और उन्हें उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर से गिरफ्तार किया है। पुलिस ने बताया कि यह संगठित गिरोह इसी तरह से पूरे देश में अपना नेटवर्क फैला कर कई लोगों काे ठगी का शिकार बना चुका है।
शिकायतकर्ता पीयूष कुमार देवांगन ने पुलिस को बताया कि वह मठपारा कैलाशनगर बीरगांव में रहता है। 7 को उसके माेबाईल फोन पर सोनू कुमार का कॉल आया। उसने खुद को चंडीगढ़ के सेक्टर 52 का निवासी बताया और उसने प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत युवक को पांच लाख रुपये का लोन दिलाने की बात कही। इसके बाद उसने युवक को पूरे विश्वास में लेते हुए उससे ढ़ाई हजार रुपये आवेदन शुल्क के रूप में चंद्रवीर नामके अपने साथी के बैंक खाते में डलवा लिए।
उक्त रकम को खाते में डालने के बाद आरोपितों ने युवक के माेबाईल पर एक ऑनलाइन एग्रीमेंट भेजा। साथ ही 5 लाख रुपये का नाेयडा ब्रांच द्वारा युवक के नाम पर जारी एक डिमांड ड्राफ्ट की फोटो भेजी। इसके बाद आरोपितों ने युवक से दोबारा 5500 रुपये मांगे। युवक ने दिए गए खाते में यह रकम भी जमा कर दी। इसके बाद जीवन बीमा से संबंधित एक कार्ड की फोटो युवक के मोबाईल पर उन्होंने भेजी और कहा कि इस लोन के साथ इंश्योरेंस कवर है और इसके लिए उसे साढ़े आठ हजार रुपये और देने होंगे। साथ ही आरोपितों ने युवक से यह भी कहा कि प्रोसेस के तहत जो शुल्क लिया जा रहा है वह राशि लोन की रकम में जोड़कर उसे दी जाएगी। इसके बाद युवक से तीन किस्तों में और 15 हजार रुपये मांगे गए। बाद में यह रकम खाते में डिपोजिट न हो पाने की बात कहते हुए उससे 15 हजार रुपये और ले लिए।
इन सब के बाद आईटी रिर्टन फाईलिंग के नाम पर युवक से 25 हजार रुपये और मांगे गए। यह रकम सोनपाल सिंह नामके व्यक्ति के खाते में मांगे गए। इतनी रकम ठगने के बाद भी आरोपित रुके नहीं। अब उन्होंने युवक को किसी कानूनी मामले का डर दिखाना शुरू किया और दो किश्तों में उससे 64 हजार रुपये सोनू सागरव चंद्रवीर के खाते में डलवा लिए। इस तरह कुल एक लाख पैतालीस हजार सात सौ रुपये की धाेखाधड़ी की गई। जब युवक को अपने साथ हुए धोके का आभाष हुआ तो उसने उरला थाना पहुंच कर रिपोर्ट दर्ज कराई। आरोपितों के खिलाफ पुलिस ने धोकाधड़ी का अपराध दर्ज किया और फिर उनकी पतासाजी शुरू हुई।
पुलिस अधीक्षक अजय यादव के निर्देश पर आरोपितों को पकड़ने के लिए एक विशेष टीम गठित की गई। इस टीम ने ठगी का शिकार हुए युवक से मिली जानकारी के आधार पर तकनीकी विश्लेषण कर आराेपितों के ठिकानों का पता लगाया। टीम काे आराेपियों के दिल्ली में हाेने की जानकारी मिली। टीम ने दिल्ली, गाजियाबाद, बुलंदशहर, नाेएडा में घूम-घूम कर आराेपितों के ठिकानाें की तस्दीक की। इस दौरान वे लगातार अपना लोकेशन बदलते रहे। और फिर सभी आरोपितों को घेराबंदी कर गिरफ्तार कर लिया गया। जांच में आरोपितों के सभी दस्तावेज भी फर्जी पाए गए।
पुलिस ने बताया कि आरोपित गैंग बनाकर कई हिंदी भाषी राज्यों में अलग- अलग बैंक और फाइनेंस कंपनी तथा सरकार की योजनाओं के नाम पर इसी तरह लोन दिलाने का झांसा देकर कई लोगों से ठगी कर चुके हैं। सभी आरोपित सिर्फ हाईस्कूल तक ही पढ़े हैं। पुलिस को इन आरोपितों को पकड़ने में काफी मशक्कत भी करनी पड़ी। पकड़े गए आरोपितों के नाम नीरज कुमार, आनंदस्वरूप और चंद्रवीर बताए गए हैं। यह सभी उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर के रहने वाले हैं।