बसना: गुरु तेग बहादर साहिब जी संदेश यात्रा का स्वागत बसना नगर में शब्द कीर्तन, झाडू की सेवा और फूलों की वर्षा कर किया

बसना: मानवता की चादर धन-धन श्री गुरु तेग बहादर साहिब जी के 400 साला पावन प्रकाश पूरब शताब्दी वर्ष की खुशी में धर्म और मानवता की रक्षा के लिए अपने प्राणों की बलिदान देने वाले सिक्ख समाज के 9वें गुरु श्री गुरु तेग बहादार साहिब के पावन निशानियों के दर्शन एवं उपदेशों को जन-जन तक पहुंचाने के उद्देश्य से सिक्ख समाज छत्तीसगढ़ द्वारा 09 से 19 अप्रैल तक 11 दिवसीय श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी की सरपरस्ती पंज प्यारे साहिबान की अगवाई एवं नानक नाम लेवा साध संगत की हाजरी में रायपुर से प्रदेश सभी जिलों भ्रमण के लिए निकली संदेश यात्रा गुरुद्वारा स्टेशन रोड़ रायपुर से डोंगरगढ़, कवर्धा, बिलासपुर, कोरबा, महेन्द्रगढ़, अंबिकापुर, रायगढ़ सारंगढ़ सरायपाली होते हुये 03 बजे बसना नगर के जगदीशपुर रोड ओवर ब्रिज पहुंची जहां सिक्ख समाज के लोगों सहित सभी समाज के लोगों ने संदेश यात्रा का भव्य स्वागत किया।
पंच प्यारों की अगुवाई में सिक्ख समाज के लोगों में बाइक रैली, आतिशबाजी, घंट बाजा, शब्द कीर्तन, पूरे रास्ते सड़क में टैंकर से पानी डालते, झाडू की सेवा फूलों की वर्षा करते शहीद वीर नारायण सिंह चौक होते हुये श्री गुरुद्वारा साहिब के दरबार में पहुंची। इस दौरान बसना नगर में संदेश यात्रा का जगह-जगह नीलांचल सेवा समिति, ब्राम्हण नवयुवक संघ, अग्रवाल सभा, सतनामी समाज, रामजानकी मंदिर समिति, व्यापारी महासंघ, समलेश्वरी मंदिर समिति, गुरुद्वारा नानक साहिब गढ़फुलझर, फुलझर डड़सेना समाज, पूज्य सिंध पंचायत, श्री हनुमान मंदिर समिति, बजरंग दल, छग वन विकास निगम के अध्यक्ष व बसना विधायक राजा देवेंद्र बहादुर सिंह के नेतृत्व ब्लॉक कांग्रेस कमेटी बसना मुस्लिम जमात और मानिकपुरी पनिका समाज द्वारा फूलो की माला एवं शाल श्रीफल से यात्रा का स्वागत करते हुये यात्रा में ऐतिहासिक पुरातन निसानिया श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी सबसे छोटा स्वरूप जो संदेश यात्रा में विशेष रूप से इंग्लैंड से लाए गए विश्व के सबसे छोटे श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी स्वरूप रहे जो की मात्र 10 ग्राम के एवम 1 इंच लम्बा 1 इंच चौड़ा का सिक्ख पुरातन निशानियों में से एक जिसमे पूरे 1430 पृष्ठ अंकित है।
गुरु गोविंद सिंह द्वारा हस्तलिखित पावन हुकमनामा, चादर, श्री साहिब किरपान, दुसहरा, पुरातन बर्तन, दमोदरी महत्व का पीढ़ा, माता सुंदर कौर जी का खड़ावा और पावन हुकमनामा का दरसनार्थ कर आशीर्वाद लिया। पूरा बसना नगर बैनर, पोस्टर एवं तोरण स्वागत द्वार से दुल्हन की तरह यात्रा के स्वागत में सजा हुआ था। जहां बसना में सभी समाज के लोगों ने यात्रा का स्वागत कर जगह-जगह शीतल पेयजल, शरबत और जलपान की व्यवस्था कर सामाजिक समरसता का मिशाल पेश किया।
छग अल्प संख्यक आयोग के अध्यक्ष महेंद्र सिंह छाबड़ा ने यात्रा को ऐतिहासिक बताते हुये कहा विश्व इतिहास में धर्म, मानवीय मूल्यों, आदर्शो एवं सिंद्धातों की रक्षा के लिये प्राणों की आहुति देने वालों में गुरु तेग बहादर साहब का स्थान अद्वितीय है। आततायी शासक की धर्म विरोधी व वैचारिक स्वतंत्रता का दमन करने वाली नीतियों के विरुद्ध गुरु तेग बहादर साहब का बलिदान एक अभूतपूर्व ऐतिहासिक घटना है। उनके निर्भिक आचरण, धार्मिक अडिगता और नैतिक उदारता का उच्चतम उदाहरण मिलते है उनका व्यक्तित्व और कृतित्व एक उज्ज्वल नक्षत्र की तरह दैदीप्यमान है। बसना में संदेश यात्रा के स्वागत में सिक्ख समाज के अलावा सभी समाज लोगों की उपस्थिति देखकर बहुत अच्छा लग रहा। सिक्ख समाज छग के संयोजक सुरेंद्र सिंह छाबड़ा ने श्री गुरु तेग बहादर साहिब जी के 400 साला पावन प्रकाश पूरब शताब्दी वर्ष पर निकाली गई यात्रा का उद्देश्य बताते हुये श्री गुरु तेग बहादर साहिब के जीवन इतिहास और उनकी शहादत पर वृतांत प्रस्तुत कर सारे धर्म एक समान सभी मानव का हो सम्मान कहा।
श्री गुरुद्वारा साहिब बसना में सिक्ख समाज के प्रधान सरदार मंजित सिंह सलूजा सनरक्छक स लाल सिंघ छाबड़ा और सिक्ख समाज बसना द्वारा यात्रा की सफलता के लिये छग अल्प संख्यक आयोग के अध्यक्ष महेंद्र सिंह छाबड़ा, सिक्ख समाज छग के संयोजक सुरेंद्र सिंह छाबड़ा, निरंजन सिंह खनूजा, सतपाल सिंह, इन्द्रजीत सिंह सहित बसना के सभी समाज प्रमुखों के अलावा नगर के डॉ रीना टुटेजा छग लेडिस विंग की अध्यक्ष बनने पर, रश्मित कौर सलुजा दिल्ली के ऐतिहास गुरुद्वारो में शब्द कीर्तन का गायन करने पर बसना सिक्ख समाज का गौरव बढ़ाने के लिये के लिये प्रतीक चिन्ह देकर सम्मान किया। कार्यक्रम का संचालन सिक्ख समाज बसना के सचिव सरदार मंजीत सिंह छाबड़ा ने किया। इस दौरान बड़ी संख्या में सिक्ख एवं अन्य समाज के लोगों की उपस्थिति रही।