हो सकती है ये परेशानी,क्या आपका बच्चा भी देखता है ज्यादा टीवी या चलाता है मोबाइल,तो हो जाएं सावधान

नेशनल डेस्क। आजकल बच्चों में बाहर खेलने की जगह घंटों एक जगह बैठकर टीवी देखने की आदत बढ़ रही है. यूं तो टीवी देखना कोई बुरी बात नहीं है लेकिन हर चीज की अति बुरी होती है. बच्चे तकनीक के साथ कदम से कदम मिलाकर चल रहे हैं। बड़े लोगों से ज्यादा उन्हें ये पता होता है कि कैसे मोबाइल फोन में क्या चीज हो सकती है, कैसे नए-नए तरह के गेम मार्किट में आ रहे हैं और इन सभी के कारण वो दिनभर मोबाइल, टीवी या फिर कंप्यूटर से चिपके रहते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि अगर आपका बच्चा काफी ज्यादा मोबाइल, टेलीविजन या फिर क्ंप्यूटर की स्क्रीन से चिपका रहता है? तो ये उसके लिए अच्छे संकेत नहीं हैं क्योंकि एक रिसर्च में ये बात कही गई है। तो चलिए जानते हैं इसके बारे में।
मिडिया रिपोर्ट के अनुसार दरअसल,अमेरिका के कैलिफोर्निया स्थित मेमोरियल केयर ऑरेंज कोस्ट मेडिकल सेंटर के शोधकर्ताओं की मानें तो इनके मुताबिक, अगर कोई बच्चा दिनभर में तीन घंटे से ज्यादा स्क्रीन से चिपका रहता है तो उसकी आंखों पर तो असर होता ही है। साथ ही उसके मानसिक स्वास्थ्य, सीखने-समझने, चीजें याद रखने व रिश्ते निभाने के लिहाज से ये उसके लिए सही नहीं है। वहीं, जो आजकल लोग पांच से सात घंटे स्क्रीन के सामने काम करते रहते हैं। उनमें भी बेचैनी, उदासी जैसी चीजें काफी बढ़ जाती हैं। इसलिए इसका इस्तेमाल कम से कम करने की सलाह दी गई है।
हो सकते हैं ये खतरे?
मुख्य शोधकर्ता डॉक्टर जीना पोजनर की मानें तो अगर बच्चे स्क्रीन पर ज्यादा समय बिताते हैं तो इससे उनका मोटापा भी बढ़ने का खतरा बना रहता है। इसके लिए उन्होंने मेयो क्लीनिक के उस अध्ययन का हवाला दिया, जिसमें स्क्रीन का इस्तेमाल हर दो घंटे बढ़ने पर मोटापे की आशंका में 23 फीसदी इजाफा होने की बात सामने आई थी। इसलिए विशेषज्ञ मानते हैं कि बच्चों को स्क्रीन का इस्तेमाल कम से कम करना चाहिए। काफी जरूरी होने पर ही इसे काम में लाना चाहिए।
डॉक्टर पोजनर ने ये भी बताया कि स्क्रीन से निकलने वाली नीली रोशनी स्लीप हार्मोन मेलाटोनिन का उत्पादन बाधित करती है। इसकी वजह से बच्चों को नींद आने में काफी दिक्कतें होती हैं। साथ ही जब बच्चे सुबह उठते हैं तो वो उठने पर खुद को तरोताजा महसूस नहीं करते हैं, क्योंकि वो अधूरी नींद ले पाते हैं और इसका सीधा बुरा असर उनकी तार्किक क्षमता और याददाश्त पर पड़ता है। पोजनर के मुताबिक, सोने से दो घंटे पहले तक बच्चों को स्क्रीन का इस्तेमाल नहीं करने की सलाह है।
वहीं, साल 2018 में प्रकाशित एक ब्रिटिश अध्ययन का जिक्र करते हुए डॉक्टर पोजनर ने कहा कि जो बच्चे घंटों तक स्क्रीन के सामने बैठे रहते हैं और इसका इस्तेमाल करते हैं। उनमें पीठ दर्द, कमर दर्द, सिर दर्द जैसी कई दिक्कतें सामने आती हैं। जब बच्चें स्क्रीन देखते हैं तो वो अपना सिर झुका लेते हैं और इसकी वजह से उनकी रीढ़ की हड्डी पर अतिरिक्त भार पड़ता है, जिसके कारण बच्चों को ये सब दिक्कतें होती हैं। इसलिए हमें कोशिश करनी चाहिए कि बच्चों को स्क्रीन का इस्तेमाल कम से कम करने दें।