महासमुंद

महासमुंद: सामाजिक भाई चारे का जीवंत उदाहरण है तिरंगा : अंकित

महासमुंद। बागबाहरा ब्लॉक कांग्रेस कमेटी ग्रामीण के प्रथम अध्यक्ष व वरिष्ठ कांग्रेसी अंकित बागबाहरा ने बताया कि गणतंत्र दिवस के सुअवसर पर बागबाहरा विकासखंड की पंचायत देवरी में ध्वाजारोहण में बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए ।सबसे पहले भारत माता व स्वतंत्रता संग्राम में शामिल पूण्य आत्माओं के तैल चित्र में पूजा अर्चना कर ध्वाजारोहण कर तिरंगे को सलामी दी गयी व राष्ट्रगान गाया गया ।

तत्पश्चात बड़ी संख्या में उपस्थित ग्राम वासियों व प्रबुद्ध जनों ने स्वागत किया ।अपने उद्बोधन में अंकित बागबाहरा ने बताया कि कितने संघर्षों व बलिदान का परिणाम है जो आज हम आजादी की सांस ले पा रहे है और आज इस लोकतंत्र के महापर्व गणतंत्र दिवस में आज ही के दिन संविधान को अंगीकार किया गया था, और हमें इस बात का फक्र है कि संविधान सभा में डॉ भीमराव आंबेडकर,जवाहरलाल नेहरूजी ,सरदार पटेल जी के साथ साथ छत्तीसगढ़ से भी पांच लोग शामिल थे जिसमें रियासतों की ओर से किशोरिमोहन त्रिपाठी व रामप्रसाद पोटाई व नेताओं में से पंडित रविशंकर शुक्ल,बैरिस्टर छेदीलाल व घनश्याम सिंह गुप्ता शामिल रहे ।

संविधान निर्माण में दो वर्ष ग्यारह माह और 17 दिन लगे व लगभग 11 बैठके हुई जिसने लगभग 165 दिन कार्य किया ।। हमारे संविधान की प्रस्तावना ” हम सब भारत के लोग.से ही संविधान के मनोभाव को समझा जा सकता है जिसका मूल उद्देश्य समानता का अधिकार,स्वातंत्रता का अधिकार,शोषण के विरुद्ध अधिकार,धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार,संस्कृति व शिक्षा पाने का अधिकार प्रत्येक भारत देश के निवासी को देना है ।

अंकित ने बताया की भारत देश और संविधान की सोच तो तिरंगे में भी छुपी हुई है सामान्य तया ये माना जाता है कि तिरंगे का केसरिया रंग देश के साहस का प्रतीक है,सफेद शांति का,हरा विकास का प्रतीक है परंतु अगर एक नारे को याद करें कि हिन्दू मुस्लिम सिख ईसाई हम सब है भाई भाई तो उस नारे का निचोड़ है तिरंगा, केसरिया हिन्दू और सिखों का प्रतीक है, हरा मुस्लिम भाइयों और सफेद ईसाई धर्मावलंबियों का प्रतीक है, चक्र जिसकी नील रंगों से बनी 24 डंडियां 24 घंटे चलाय मान रहने का प्रतीक है ये सब अपने आप इन मिलकर आजीवन सामाजिक समरसता और भाई चारे का संदेश देती रहेगी ।

और आज इसके विपरीत कुछ ताकतें इतिहास को तोड़ कर नए नए अध्याय जोड़ने का कुचक्र रच रहे है जिससे सजग रहने की आवश्यकता है । अंकित ने उद्बोधन के अंत में सभी उपस्थित जनों से आह्वान किया कि गरीबी,भुखमरी,बेकारी,बेरोजगारी,भुखमरी,कुपोषण को मिटा कर एक खुशहाल स्वस्थ और शिक्षित समाज निर्माण में हम सभी कटिबद्ध होंगे । इस कार्यक्रम में मुख्य रूप से अंकित बागबाहरा के साथ सरपंच मुंशीराम साहू,नेशलाल मलिक,प्रीतम साहू,दीनू साहू,प्राचार्य डोमन टंडन,यशवंत साहू,राकेश चंद्राकर,भुलौराम साहू,राजू श्रीवास,रामप्रसाद साठ,भारत साहू,चमनलाल चंद्राकर,बिसाहू,पवन चंद्राकर,ईश्वर साहू,धनी,डिलेश्वर चक्रधारी सहित बड़ी संख्या में बच्चे माताएं व ग्रामवासी मौजूद थे ।

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