सरायपाली: ग्राम पंचायत पाटसेंद्री,और बनिगिरोला सचिव ने सूचना के अधिकार अधीनीयम को बनाया मजाक नहीं दी जानकारी,जनपद सीईओ का आदेश का किया अवहेलना

देशराज दास सरायपाली: 2005 में आम नागरिकों को ऐसा हथियार मिला, जिसकी काफी जरूरत थी। राइट टू इंफॉर्मेशन ( R T I ) एक्ट के लागू हो जाने से आम जनता को हर वो चीज जानने का अधिकार मिल गया है। जिसका संबंध उसकी जिंदगी से है। सरकारी विभागों से भ्रष्टाचार का सफाया करने का भी यह अचूक हथियार है। लेकिन ग्राम पंचायत पाटसेंद्री रामकुमार नायक और बनिगिरोला सचिव रामकुमार पटेल ने सूचना के अधिकार को मजाक बनाकर रखा है। स्थिति यह है कि ग्राम पंचायत पाटसेंद्री,और बनिगिरोला सचिव भ्रष्टाचार के खुलासे के डर से जानकारी नहीं दे रहे है
आपको बतादे सूचना के अधिकार ( R T I ) अधीनीयम का बनाया जा रहा है मजाक,ताजा मामला महासमुंद जिले के सरायपाली ब्लाक ग्राम पंचायत पाटसेंद्री,और बनिगिरोला का है जहां आवेदक पत्रकार देशराज दास द्वारा सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत एक आवेदन ग्राम पंचायत पाटसेंद्री,और बनिगिरोला जनपद पंचायत सरायपाली जिला महासमुंद ( छ. ग. ) को जानकारी हेतु जन सूचना अधिकारी को लगाया गया था.
जो की ग्राम पंचायत ग्राम पंचायत पाटसेंद्री रामकुमार नायक और बनिगिरोला सचिव रामकुमार पटेल द्वारा आवेदन प्राप्त करने के बाद भी जानकारी नहीं दी आवेदक ने प्रथम अपील 26.07.2024 को जनपद पंचायत सरायपाली में प्रथम अपीलीय अधिकारी के पास की उन्होंने मामले संज्ञान में लेते हुए 08.08.24 को सुनवाई रखी जिसमे ग्राम पंचायत पाटसेंद्री रामकुमार नायक और बनिगिरोला सचिव रामकुमार पटेल ने 07 दिनों के भीतर जवाब देने की बात कही वही सचिव पाटसेंद्री,और बनिगिरोला की कोई जानकारी नहीं दी साथ ही जनपद सीईओ का आदेश का अवहेलना भी किया।
आपको बतादे पूरा मामला आवेदक द्वारा प्रथम अपील जनपद पंचायत सरायपाली में किया गया जनपद पंचायत सरायपाली प्रथम अपीलीय अधिकारी के नोटिस के बाद जन सूचना अधिकारी ग्राम पंचायत पाटसेंद्री,और बनिगिरोला द्वारा आवेदक देशराज दास को नि:शुल्क जानकारी उपलब्ध कराने का आदेश दिया गया लेकिन ग्राम पंचायत सचिव द्वारा जानकारी नहीं भेजा गया सूचना के अधिकार अधिनियम का खुलेआम मजाक उड़ाया जा रहा है.
पंचायत कर्मचारी व पंचायत को किसी भी कार्यवाही का डर भय नहीं है यू कह सकते हैं कि भ्रष्टाचार को निडर तरीके से पंचायत में अंजाम दिया जा रहा है। अब आगे की कार्यवाही के लिए वह जिला सी.ई.ओ. के निगरानी में भौतिक सत्यापन आवेदन कलेक्टर,पंचायत मंत्री,मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव, के समक्ष शिकायत कर जांच की मांग किया जायेगा ,तथा छत्तीसगढ़ राज्य सूचना आयोग भी अपील किया जायेगा बरहाल अब देखना होगा कि कब तक पंचायत कर्मचारी अपने मनमानी तरीके से शासकीय पैसे को आहरण कर दुरुपयोग करते रहेंगे?